बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार की वजह से 100 से ज्यादा बच्चों की मौत की खबर ने देश को झकझोर कर रख दिया है। मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री से लेकर राज्य के मंत्री तक सभी वहां का दौरा कर रहे हैं, लेकिन बच्चों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। भीषण गर्मी के बीच पारा चढ़ने के साथ ही मरीजों के मरने की भी संख्या लगातार बढ़ रही है।
(PTI File Photo)इस बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर उनकी सरकार में शामिल कोई भी मंत्री खुलकर बोलने के तैयार नहीं है।इस बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण बच्चों की मौतों पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया। पत्रकार बार बच्चों की मौत का जिक्र कर सवाल करते रहे, लेकिन भाजपा नेता किसी भी सवालों का जवाब देने से साफ मना कर दिया।
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डिप्टी सीएम ने कहा कि मैंने पहले ही आपको बता दिया था, ये बैंकर समिति की बैठक है और ये प्रेस कॉन्फ्रेंस सिर्फ इसी विषय के लिए आयोजित की गई है। अगर आप बैंक से जुड़े मुद्दे पर सवाल पूछेंगे तो जवाब मिल पाएगा। उन्होंने कहा, “मैंने आपको पहले ही बता दिया था कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस बैंकिंग समितियों के बारे में है। अगर बैंक से जुड़े मुद्दे पर आप सवाल पूछेंगे तब तो हम जवाब दे पाऊंगा, इसके अलावा कोई विषय होगा तो उसके लिए जब अलग से प्रेस कॉन्फेंस होगी तो आपको जवाब दिया जाएगा।”
#WATCH Bihar Deputy Chief Minister Sushil Modi during a press conference refuses to answer journalists' questions on deaths of children due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) in Muzaffarpur; says, "I already told you this press conference is about banking committees" pic.twitter.com/dn4moNfJSC
— ANI (@ANI) June 19, 2019
बिहार में एक्यूट एंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (दिमागी बुखार) से 100 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद मुजफ्फरपुर श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज (एसकेएमसीएच) में हालात का जायजा लेने मंगलवार को पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। स्थानीय लोगों ने उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जिला प्रशासन के अनुसार, सरकारी एसकेएमसीएच और निजी केजरीवाल अस्पताल में अभी तक दिमागी बुखार से 105 बच्चों की मौत हुई है।
मुख्यमंत्री शनिवार से ही नई दिल्ली में थे और सोमवार की शाम पटना लौटे। लौटने के बाद उन्होंने बुखार के कारण पैदा हालात पर अधिकारियों के साथ आपात समीक्षा बैठक भी की। बैठक के बाद सरकारी महकमा कुछ हरकत में आया और प्रदेश सरकार ने कहा कि दिमागी बुखार से पीड़ित सभी बच्चों के इलाज का खर्च बिहार सरकार उठाएगी, फिर चाहे इलाज सरकारी अस्पताल में हो या निजी अस्पताल में।