बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री विद्या बालन ने पहली मरतबा कोबरापोस्ट वेबसाइट के ऑपरेशन कैरियोकि पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। एक समारोह में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राजीनीतिक पार्टियों के समर्थन में बोलना उनके बस की बात नहीं है।
विद्या ने कहा, “मैं किसी के बारे में जजमेंट पास नहीं करना चाहती। मैं सिर्फ अपने बारे में कहना चाहती हूँ की मुझ से ये सब नहीं होता और यही वजह है कि मैंने ना कर दिया था। शायद उन लोगों (दुसरे सेलिब्रिटीज) ने ये समझ भी नहीं पाए वो किस चीज़ केलिए हाँ कह रहे थे। चूँकि सोशल मीडिया पे इन दिनों लोग हर जहीज़ पे कमेंट कर रहे हैं तो शायद उन्हें लगा होगा कि ये इतना संगीन मामला नहीं है। ”
साथ ही साथ उन्होंने कहा जो लोग इस स्टिंग ऑपरेशन में बेनक़ाब हुए, उनके बारे में बोलने का उन्हें कोई हक़ नहीं नहीं है। विद्या का कहना था, “मुझे कोई हक़ नहीं है कि मैं जज बन जाऊं और दूसरों के बारे में फैसला सुनाऊँ। मैं नहीं कर सकती थी, मैंने नहीं किया। ”
कोबरापोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन में 36 ऐसे सेलिब्रिटीज थे जो पैसे लेकर अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स से किसी राजनितिक पार्टी का समर्थन करने केलिए तैयार हो गए थे। इन हस्तियों में टीवी और फिल्मों के दिग्गज अभिनेता के आलावा गायक, सोशल मीडिया सेलिब्रिटी और स्टैंड-अप कॉमेडियन तक शामिल थे।
विद्या उन चार अदाकारों में शामिल थीं जिन्हों पैसे केलिए अप्पने ज़मीर का सौदा करने से इंकार कर दिया था। बाक़ी तीन अदाकारों में राजा मुराद, अरशद वारसी और टीवी कलाकार सौम्या टंडन शामिल थे।