पिछले महीने फरवरी में अपनी हंसी को लेकर चर्चा में आई कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी पर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा चेयरमैन एम वेंकैया नायडू ने बुधवार (28 मार्च) को चुटकी लेते हुए उन्हें वजन कम करने की सलाह दी। इस दौरान राज्यसभा में कई सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक पाए। नायडू ने रेणुका चौधरी से कहा कि उन्हें अपना वजन कम करना चाहिए तथा अपनी पार्टी का वजन बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक राज्यसभा ने बुधवार को अपने करीब 60 सदस्यों को विदाई दी जो सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस मौके पर सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों ने अपना विदाई भाषण दिया। रेणुका ने अपने विदाई भाषण में कहा कि नायडू उन्हें उस समय से जानते हैं, जब उनका (रेणुका) का वजन काफी कम था।
उन्होंने कहा कि कई लोग मेरे वजन को लेकर चिंता जताते हैं लेकिन इस क्षेत्र (राजनीति) में आपको अपना वजन (प्रभाव) दिखाना पड़ता है। अपनी त्वरित छोटी टिप्पणियों के लिए मशहूर नायडू ने इस पर कहा कि, ‘‘मेरा सरल सुझाव है कि आप अपना वजन कम करें और पार्टी का वजन (प्रभाव) बढाने के लिए प्रयास करें।’’ उनकी इस टिप्पणी पर सदन में हंसी की लहर फैल गई।
रेणुका ने कहा कि वह, शाहबानो से लेकर सूर्पनखा तक, इस सदन में कई इतिहास बनने की गवाह रही हैं। वहीं संसद की कार्यवाही नहीं चलने से चिंतित, राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सांसदों से आग्रह किया कि वे “राजनीति के स्तर” में गिरावट नहीं लायें तथा खुद को अधिक मर्यादित तरीके से व्यवस्थित करते हुए नयी शुरुआत करें।
रेणुका चौधरी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली की तारीफ करते हुए उन्हें एक सज्जन पुरुष कहा। उन्होंने कहा कि, ‘हमारी बहुत से मुद्दों पर बहस हुई, लेकिन उन्होंने हमेशा ही मुझसे अच्छे से बात की। वह एक शानदार जेंटलमैन हैं।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘मैं सदन में पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ बैठी हू्ं। मैंने बहुत कुछ अनुभव किया है। बहुत से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्रियों का कामकाज देखा है। सबसे अच्छे प्रधानमंत्री मुझे राजीव गांधी लगे। उनके समय में यह हॉल पूरा भरा रहता था।’
नायडू ने यह भी कहा कि ऊपरी सदन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 2010 में महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने के बावजूद “बहुत कम” है और उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि सभी राजनैतिक दल इसे प्राथमिकता देंगे। नायडू की टिप्पणी बजट सत्र के दूसरे चरण में आई है जो पांच मार्च को शुरू हुआ। इस चरण में संसद के दोनों सदनों में लगातार गतिरोध बना हुआ है।