उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भारत में खराब प्रेस स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे पर देश के नकारात्मक चित्रण के लिए ‘पश्चिमी मीडिया’ की आलोचना की है। नायडू ने कहा कि पश्चिमी मीडिया के कुछ सदस्य ‘बदहज़मी’ की समस्या से जूझ रहे हैं।
नायडू ने कहा, ‘हम एक प्रवृत्ति देख रहे हैं, खासकर पश्चिमी मीडिया में। वे इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि भारत आगे बढ़ रहा है। भारत बढ़ रहा है। दुनिया भर में भारत को एक बार फिर से पहचाना और सम्मानित किया जा रहा है, जिसे विश्वगुरु के रूप में जाना जाता था।
#WATCH | There's a trend in Western media to run down Indian govt on issues of secularism, free speech. They can't digest the fact that India is on the rise. Some of them suffering from indigestion…India is the most secular country in world: Vice President Venkaiah Naidu(26.11) pic.twitter.com/sXTrfWA52T
— ANI (@ANI) November 26, 2021
उन्होंने आगे कहा, “वे (पश्चिमी मीडिया के लोग) भारत को एक नकारात्मक रोशनी में चित्रित करने की कोशिश करते हैं। ये होता रहा है. जैसा कि मैंने आप से कहा कि वे हमारी प्रतिष्ठा को पचा नहीं पाते हैं और वे देश को बदनाम करना चाहते हैं। उनमें से कुछ बदहज़मी की समस्या से पीड़ित हैं।”
नायडु ने जारी कहा, “वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस की स्वतंत्रता और धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे पर हमारे देश को बदनाम करते हैं। भारत, मेरे अपने अध्ययन के अनुसार, सबसे धर्मनिरपेक्ष और वास्तविक देश है.”
नायडू ने माना कि ‘इधर उधर’ कुछ घटनाएं होती हैं, लेकिन साफ़ किया कि देश धर्मनिरपेक्ष बना हुआ है। उन्होंने कहा, “यहां और वहां कुछ व्यक्तियों के द्वारा कुछ घटनाएं हो जाती हैं … लेकिन कुल मिलाकर, हम धर्मनिरपेक्षता में विशवास करते हैं क्योंकि यह भारतीयों के खून, नसों और नसों में इस सरकार या उस सरकार के कारण नहीं है … सभी धर्मों का सम्मान करना हमारी पुरानी प्रथा है ।”
नरेंद्र मोदी के की सरकार में भारत के खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड को विश्व स्तर पर मान्यता मिली है। इसी साल, रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने दुनिया भर से ‘प्रेस स्वतंत्रता के भक्षकों’ की एक सूची जारी की थी। इस संस्था ने नरेंद्र मोदी को उन भक्षकों की श्रेणी में रखा था।