गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के बीच सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस लगातार एक दूसरे पर हमलावर हैं। इस बीच, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने दिन का सवाल अभियान को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शुक्रवार (8 दिसंबर) को अपना 10वां सवाल पूछा।
राहुल ने इस सवाल में आदिवासियों की जमीन का मुद्दा उठाया। राहुल ने वनबंधु योजना के तहत 55 हजार करोड़ रुपए पर दागा कि जब युवा को रोजगार और गरीबों को घर नहीं मिला तो पैसा कहां गया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘आदिवासी से छीनी जमीन, नहीं दिया जंगल पर अधिकार, अटके पड़े हैं लाखों जमीन के पट्टे न चले स्कूल न मिला अस्पताल, न बेघर को घर न युवा को रोजगार, पलायन ने दिया आदिवासी समाज को तोड़, मोदीजी, कहां गए वनबंधु योजना के 55 हजार करोड़?’
22 सालों का हिसाब#गुजरात_मांगे_जवाब
10 वां सवाल:
आदिवासी से छीनी जमीन
नहीं दिया जंगल पर अधिकार
अटके पड़े हैं लाखों जमीन के पट्टे
न चले स्कूल न मिला अस्पताल
न बेघर को घर न युवा को रोजगारपलायन ने दिया आदिवासी समाज को तोड़
मोदीजी, कहाँ गए वनबंधु योजना के 55 हजार करोड़?— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 8, 2017
दरअसल, राहुल गांधी सोशल मीडिया के जरिए लगातार ट्वीट कर पीएम मोदी और बीजेपी पर निशाना साधते रहे हैं। ऐसे में बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने यह नई रणनीति तैयार की है, जिसके तहत गुजरात विधानसभा चुनाव तक राहुल पीएम मोदी से रोजाना एक सवाल करेंगे।
22 सालों का हिसाब,
गुजरात मांगे जवाब।गुजरात के हालात पर प्रधानमंत्रीजी से पहला सवाल:
2012 में वादा किया कि 50 लाख नए घर देंगे।
5 साल में बनाए 4.72 लाख घर।प्रधानमंत्रीजी बताइए कि क्या ये वादा पूरा होने में 45 साल और लगेंगे?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 29, 2017
दूसरा सवाल
22 सालों का हिसाब,#गुजरात_मांगे_जवाब
गुजरात के हालात पर प्रधानमंत्रीजी से दूसरा सवाल:
1995 में गुजरात पर क़र्ज़-9,183 करोड़।
2017 में गुजरात पर क़र्ज़-2,41,000 करोड़।
यानी हर गुजराती पर ₹37,000 क़र्ज़।आपके वित्तीय कुप्रबन्धन व पब्लिसिटी की सज़ा गुजरात की जनता क्यों चुकाए?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 30, 2017
तीसरा सवाल
22 सालों का हिसाब,#गुजरात_मांगे_जवाब
प्रधानमंत्रीजी से तीसरा सवाल:
2002-16 के बीच ₹62,549 Cr की बिजली ख़रीद कर 4 निजी कंपनियों की जेब क्यों भरी?
सरकारी बिजली कारख़ानों की क्षमता 62% घटाई पर निजी कम्पनी से ₹3/ यूनिट की बिजली ₹24 तक क्यों ख़रीदी?
जनता की कमाई, क्यों लुटाई?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 1, 2017
चौथा सवाल
22 सालों का हिसाब#गुजरात_मांगे_जवाब
प्रधानमंत्रीजी- चौथा सवाल
सरकारी स्कूल-कॉलेज की कीमत पर
किया शिक्षा का व्यापार
महँगी फ़ीस से पड़ी हर छात्र पर मार
New India का सपना कैसे होगा साकार?सरकारी शिक्षा पर खर्च में गुजरात देश में 26वें स्थान पर क्यों? युवाओं ने क्या गलती की है?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 2, 2017
5वां सवाल
22 सालों का हिसाब,#गुजरात_मांगे_जवाब
प्रधानमंत्रीजी- 5वाँ सवाल:
न सुरक्षा, न शिक्षा, न पोषण,
महिलाओं को मिला तो सिर्फ़ शोषण,
आंगनवाड़ी वर्कर और आशा,
सबको दी बस निराशा।गुजरात की बहनों से किया सिर्फ़ वादा,
पूरा करने का कभी नहीं था इरादा। pic.twitter.com/yXvCRbxsXW— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 3, 2017
छठा सवाल
22 सालों का हिसाब#गुजरात_मांगे_जवाब
प्रधानमंत्रीजी- 6ठा सवाल:
भाजपा की दोहरी मार
एक तरफ युवा बेरोजगार
दूसरी तरफ़ लाखों
फिक्स पगार और कांट्रैक्ट कर्मचारी बेज़ार7वें वेतन आयोग में ₹18000 मासिक होने के बावजूद फिक्स और कांट्रैक्ट पगार ₹5500 और ₹10000 क्यों? pic.twitter.com/KngeBgLlVp
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 4, 2017
7वां सवाल
22 सालों का हिसाब#गुजरात_मांगे_जवाब
प्रधानमंत्रीजी-7वाँ सवाल:
जुमलों की बेवफाई मार गई
नोटबंदी की लुटाई मार गई
GST सारी कमाई मार गई
बाकी कुछ बचा तो –
महंगाई मार गईबढ़ते दामों से जीना दुश्वार
बस अमीरों की होगी भाजपा सरकार? pic.twitter.com/1S8Yt0nI7B— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 5, 2017
8वां सवाल
22 सालों का हिसाब#गुजरात_मांगे_जवाब
प्रधानमंत्रीजी-8वाँ सवाल:
39% बच्चे कुपोषण से बेज़ार
हर 1000 में 33 नवजात मौत के शिकार
चिकित्सा के बढ़ते हुए भाव
डाक्टरों का घोर अभावभुज में 'मित्र' को 99 साल के लिए दिया सरकारी अस्पताल
क्या यही है आपके स्वास्थ्य प्रबंध का कमाल?— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 6, 2017
9वां सवाल
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प्रधानमंत्रीजी- 9वाँ सवाल:
न की कर्ज़ माफ़ी
न दिया फसल का सही दाम
मिली नहीं फसल बीमा राशि
न हुआ ट्यूबवेल का इंतजामखेती पर गब्बर सिंह की मार
छीनी जमीन, अन्नदाता को किया बेकारPM साहब बतायें, खेडुत के साथ क्यों इतना सौतेला व्यवहार?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 7, 2017