अमेरिका में जो बाइडन प्रशासन और सांसदों ने अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में अफगान बलों और तालिबानी आतंकवादियों के बीच जंग को कवर करने के दौरान पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत पर शोक जताया है। विश्व स्तर पर प्रसिद्ध भारतीय पत्रकार की मौत पर चुप्पी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके विदेश मंत्री एस जयशंकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
अमेरिका के विदेश विभाग में प्रधान उप प्रवक्ता जलिना पोर्टर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘‘हमें यह सुनकर गहरा दुख हुआ है कि रॉयटर्स के फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी अफगानिस्तान में लड़ाई को कवर करते हुए मारे गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सिद्दीकी ने अक्सर दुनिया के सबसे अधिक जरूरी और चुनौतीपूर्ण खबरों पर अपने काम से प्रशंसा पाई। वह ध्यान आकर्षित करने वाली तस्वीरें लेते थे जो भावनाओं से ओत-प्रोत होतीं और सुर्खियां बनाने वाले मानवीय चेहरे को व्यक्त करते थे। रोहिंग्या शरणार्थी संकट पर उनकी शानदार रिपोर्टिंग ने उन्हें 2018 में पुलित्जर पुरस्कार दिलाया।’’
पोर्टर ने आगे कहा, ‘‘सिद्दीकी का निधन न केवल रॉयटर्स और उनके मीडिया सहयोगियों के लिए बल्कि बाकी दुनिया के लिए भी एक बहुत बड़ी क्षति है। अफगानिस्तान में अब तक बहुत से पत्रकार मारे जा चुके हैं। हम हिंसा को समाप्त करने का आह्वान करते हैं। अफगानिस्तान में आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता न्यायसंगत और टिकाऊ शांति समझौता है।’’
सीनेट की विदेश मामलों की समिति में शीर्ष सदस्य सीनेटर जिम रिस्च ने भारतीय पत्रकार की मृत्यु पर शोक जताया है। उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान में ‘‘तालिबान को कवर करते हुए’’ रॉयटर्स के पत्रकार दानिश सिद्दीकी की दुखद मौत हमें समाचार साझा करने के लिए जोखिम उठाने वाले उन पत्रकारों की याद दिलाती है। किसी भी पत्रकार की अपना काम करते हुए मौत नहीं होनी चाहिए।’’
वर्ष 2018 में पुलित्जर पुरस्कार जीत चुके दानिश सिद्दीकी रॉयटर्स समाचार एजेंसी के लिए काम करते थे। पाकिस्तान के साथ सीमा के पास स्पिन बोल्डक शहर में शुक्रवार को वह मारे गए। उस दौरान वह अफगान विशेष बलों के साथ जुड़े हुए थे। कंधार में जारी हिंसा की कवरेज से जुड़ी जानकारी वह अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लगातार शेयर कर रहे थे। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक टेलीविजन समाचार संवाददाता के रूप में की थी और बाद में वह फोटो जर्नलिस्ट बन गए।
दानिश सिद्दीकी की मौत पर अपनी चुप्पी साधने के लिए पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
देखें कुछ ऐसे ही ट्वीट:
Our PM sent a letter to a TV anchor who’s mother passed away but no words for a #Pullitzer winner photojournalist who was killed doing his duty? #DanishSiddique
Why Sir?— Sayema (@_sayema) July 17, 2021
सिंपल है
वो न तो मोदीवादी था
न ' राष्ट्रवादी ' था
न 'सरकारवादी' था
न
न हुसैन और नकवी जैसा मुसलमान था
वो मोदी जी की सत्ता और सोच के लिए बदहजमी पैदा करने वाली तस्वीरें खींचता था #DanishSiddiqui हीरो था https://t.co/O4b3E7HYpI— Ajit Anjum (@ajitanjum) July 17, 2021
ट्विटर पर खोज खोजकर बर्थडे विश करने वाले प्रधानमंत्री का दानिश पर एक ट्वीट नहीं आया. लगता है उसका नाम और काम पसंद नहीं था.
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) July 16, 2021
एक अवॉर्ड विनिंग पत्रकार शहीद हो गया, अफगान राष्ट्रपति ने इसपर शोक व्यक्त किया,लेकिन शिखर धवन के अंगूठे में चोट लगने पर ट्वीट करने वाले अपने प्रधानमंत्री ने इसपर एक ट्वीट तक नहीं करा,वाकई मोदी जी आपका पद ज़रूर बड़ा है लेकिन सोच उतनी ही छोटी है!#दानिश_सिद्दीकी #DanishSiddiqui pic.twitter.com/bgc8DlP0Q4
— Gulrez Ahmad گلریز احمد (@gulrez_imdf) July 17, 2021
Even the President of Afghanistan issued a statement.
The pettiness & vileness of India’s Prime Minister & Foreign Minister @DrSJaishankar are beyond nauseating. https://t.co/xGDq2jr5Ql
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) July 16, 2021
Sad ???? news even UN Chief grieved
But so far none from our Govt offered condolences
Is it coz he is the one who covered dead bodies in UP rivers?#DanishSiddiqui #DanishSiddique https://t.co/9EiVbNSvqb
— Straight Forward (@Raja_Africa) July 17, 2021
किसी ईमानदार पत्रकार की मौत पर हर अच्छा और सच्चा इन्सान शोक व्यक्त करेगा , पर हमारे साहेब जैसा नीच बिल्कुल नही करेगा..!
क्योंकि साहेब के ट्वीट करने से उनकी नफरत की दुकान बंद हो जाएगी भाई…!!#DanishSiddiqui
— Waseem Khan Meo (@Waseem_INC) July 17, 2021
A farmer committed suicide in AAP’s rally and India’s PM tweeted about it within hours. A renowned Indian journalist Danish Siddiqui working for @Reuters has been assassinated by Taliban in a foreign land and there is complete silence. pic.twitter.com/MmBKdPgBQm
— Pankaj Mishra (@Wake_Up_Mitron) July 16, 2021