उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पुलिस अधिकारियों ने होली पर सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने और 2013 के दंगों के बाद दो समुदायों के बीच आई दरार को पाटने के लिए एसएसपी के मार्गदर्शन में एक सराहनीय पहल की। मुजफ्फरनगर जिले में होली के एक दिन पहले गुरुवार (1 मार्च) को हिंदू-मुस्लिम समुदाय के बीच आपसी धार्मिक सौहार्द, अमन व भाईचारे को कायम रखने के लिए पुलिस द्वारा काबिले तारीफ कदम उठाया गया।दरअसल, मुजफ्फरनगर के एसएसपी अनंत देव तिवारी और एसपी नगर ओमवीर सिंह के मार्गदर्शन में जिले के कई थाना प्रभारी सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने एक अनोखी पहल करते हुए होलिका दहन के दिन मदरसों के बच्चों को अपने हाथ से खुद भोजन परोसा और उनके साथ में खाना खाकर भाईचारे की एक अनोखी मिसाल पेश की। मदरसे के लोगों के साथ भोजन करने वाली यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।
लोगों का कहना है कि एसएसपी अनंत देव तिवारी व एसपी नगर ओमवीर सिंह ने जिले में जो कीर्तिमान स्थापित किया है शायद ही कभी जिले के लोग इसे भुला पाए। कार्यक्रम में शामिल पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह हिंदू-मुस्लिम समुदाय के बीच आपसी सौहार्द कायम करने के लिए कदम उठाया गया।जिसके तहत होली मिलन के मौके पर शुक्रवार को सीओ सिटी हरीश भदौरिया, महिला थाना प्रभारी मीनाक्षी शर्मा और शामली स्टैण्ड चौकी प्रभारी विनय शर्मा अचानक चरथावल रोड शनिधाम मन्दिर के पास बने मदरसा मुरादिया में पुलिस बल की साथ पहुंचे। इन अधिकारियों ने मदरसे में पढ़ने वाले तालिबे इल्मों को अपने हाथों से खाना ही नही परोसा, बल्कि उनकी साथ एक ही दस्तरखान पर बैठकर भोजन भी किया।
अजीब व दिल को लुभाने वाले इस मंजर को देख जिले का हर शख्स पुलिस अधिकारियों का कायल हो गया है। इस दौरान मदरसे के अमीर जनाब मुफ़्ती खलील साहब सहित शहर के अन्य सम्मानित लोग उपस्थित थे। इसके बाद रात होते-होते प्रशासन होलिका दहन की व्यवस्था बनाने में जुट गया व पूरे हर्षोहल्लास के साथ होलिका दहन संपन्न हुआ। भाईचारे में आई दरार को पाटने की कोशिश
इस कार्यक्रम में शामिल महिला थाना प्रभारी मीनाक्षी शर्मा ने ‘जनता का रिपोर्टर’ से बातचीत में कहा कि 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद मुजफ्फरनगर का नाम से बदनाम हो गया। जिस वजह से यहां के लोगों को शर्मिंदगी महसूस होती है। शर्मा ने बताया कि होलिकादहन के दिन जिले के एसएसपी अनंत देव तिवारी के निर्देशानुसार जिले में एक बार फिर सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए यह अनूठा पहल किया गया।
उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि सांप्रदायिक दंगों के बाद भाईचारे में आई दरार को किसी भी तरह से पाटा जा सके। उन्होंने कहा कि यह पहल भले ही छोटी हो, लेकिन शुरूआत दंगों के दाग को मिटाने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि कोई भी त्योहार किसी एक धर्म का नहीं होता है और विशेषकर भारत में सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलकर एक दूसरे के त्योहार में शामिल होते हैं।मीनाक्षी शर्मा ने कहा कि इस तरह के कदम आगे भी उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस का उद्देश्य मुजफ्फरनगर पर लगे दाग को मिटाना है। बता दें कि मुजफ्फनगर में 27 अगस्त 2013 को दंगे हुए थे, जिसमें 60 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें दो संप्रदायों के बीच गांव-गांव तक हिंसा की घटनाएं हुई थीं। इस सांप्रदायिक हिंसा में 40,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए थे।