उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से हिंदुओं के आराध्य भगवान हनुमान को दलित बताए जाने के बाद शुरू विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, गुरुवार को हनुमान जी की जाति और धर्म पर टिप्पणी करते हुए बीजेपी के दो नेताओं ने इस विवाद को फिर से सुलगा दिया है।
उत्तर प्रदेश से बीजेपी नेता और एमएलसी बुक्कल नवाब ने गुरुवार को दावा किया कि भगवान हनुमान एक मुस्लिम थे। बुक्कल नवाब ने भगवान हनुमान को मुसलमान बताते हुए कहा कि उनके नाम पर ही हमारे यहां नाम रखे जाते हैं। उसके कुछ देर बाद ही योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने हनुमान जी को जाट बताया। इन दोनों के बयान के साथ ही हनुमान की जाति पर थम गई बयानबाजी एक बार फिर तेज हो गई है।
अपने बयान पर तर्क देते हुए योगी के मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि बजरंग बली जाट थे। क्योंकि जाट ही दूसरों के मामलों में अपनी टांग फंसाता है, हनुमान जी मेरी जाति के थे। बताते चले कि लक्ष्मी नारायण भी जाट हैं।
#WATCH Uttar Pradesh Minister Chaudhary Lakshmi Narayan says ' I think Hanuman ji was a Jaat, because upon seeing someone being troubled a Jaat also jumps in even without knowing the issue or the people' pic.twitter.com/Scjme1PgCD
— ANI UP (@ANINewsUP) December 21, 2018
बता दें कि इससे पहले बीजेपी एमएलसी बुक्कल नवाब ने कहा था कि ‘जब बात होती है हनुमान जी को जाति-धर्म में बांटने की तो बता दें कि वह पूरे विश्व के थे, हर धर्म के थे, हर मजहब के थे वो हर धर्म के प्यारे थे।’ उन्होंने आगे कहा, ‘जहां तक हमारा मानना है कि हनुमान जी मुसलमान थे, इसलिए हमारे अंदर जो नाम रखे जाते हैं, रहमान, रमजान, फरमान, जिशान, कुर्बान, जैसे जितने भी नाम रखे जाते हैं वो करीब-करीब हनुमान जी के नाम पर ही रखे जाते हैं। हिन्दू भाइयों में ऐसे नाम नहीं मिलते।’
#WATCH: BJP MLC Bukkal Nawab says "Hamara man'na hai Hanuman ji Muslaman theyy, isliye Musalmanon ke andar jo naam rakha jata hai Rehman, Ramzan, Farman, Zishan, Qurban jitne bhi naam rakhe jaate hain wo karib karib unhi par rakhe jaate hain." pic.twitter.com/1CoBIl4fPv
— ANI (@ANI) December 20, 2018
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में राजस्थान के अलवर जिले के मालाखेड़ा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए भगवान हनुमान को दलित, वनवासी, गिरवासी और वंचित करार दिया था। इसके बाद से ही भगवान हनुमान की जाति को लेकर तो हाल में खूब सियासी बयानबाजी हुई है।