पैराडाइज पेपर्स: BJP के लिए आफत बने केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने दी सफाई, कहा- कोई भी लेनदेन निजी उद्देश्य के लिए नहीं किया

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‘पनामा पेपर’ के बाद अब ‘पैराडाइज पेपर्स’ (1.34 करोड़ दस्तावेज) में टैक्सचोरी कर विदेश में कालाधन छुपाने के मामलों से जुड़ी फाइलें सामने आई हैं। इसमें ब्रिटेन की महारानी की निजी जागीर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई मंत्रियों, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रू़डो के मुख्य फंडरेजर, मोदी सरकार के मंत्री जयंत सिन्हा, बिहार से बीजेपी के राज्यसभा सांसद रवींद्र किशोर (आरके) सिन्हा समेत फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन सहित 714 भारतीयों के नाम शामिल हैं।

टैक्स से बचने के लिए कर पनाहगाह वाले देशों से संबंधित, लीक हुए पैराडाइज दस्तावेजों में केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा का नाम आने पर उन्होंने कहा कि किसी भी निजी उद्देश्य से कोई लेनदेन नहीं किया गया। पैराडाइज दस्तावेजों की जांच पर आधारित रिपोर्ट के अनुसार सिन्हा भारत में ओमिदयार नेटवर्क के प्रबंध निदेशक रहे हैं और ओमिदयार नेटवर्क ने अमेरिकी कंपनी डी. लाइट डिजाइन में निवेश किया था।

डी. लाइट डिजाइन की केमैन द्वीप में अनुषंगी कंपनी है। सिन्हा ने सोमवार को ट्वीटों की एक श्रृंखला में कहा कि लेनदेन वैध और प्रमाणिक हैं। नागर विमानन राज्य मंत्री सिन्हा ने कहा कि मेरी जिम्मेदार भूमिका में यह लेनदेन दुनिया के प्रतिष्ठित संगठनों की ओर से किए गए और यह कार्य ओमिदयार नेटवर्क में सहयोगी और इसकी ओर से डी. लाइट डिजाइन के निदेशक मंडल में नामित प्रतिनिधि के तौर पर किए गए।

उन्होंने कहा कि यह गौर करने की बात है कि यह लेनदेन डी. लाइट डिजाइन के लिए ओमिदयार के प्रतिनिधि के तौर पर किए गए, ना कि किसी निजी उद्देश्य के लिए। उन्होंने कहा कि मैंने सितंबर 2009 में मैनेजिंग निदेशक के तौर पर ओमिड्यार नेटवर्क जॉइन किया था। लेकिन दिसंबर 2013 में मैंने इस्तीफा दिया। इसके बाद मैं नवंबर 2014 तक डिलाइट डिजाइन के बोर्ड में रहा।

उन्होंने कहा कि दिसंबर 2013 तक मैं ओमिड्यार नेटवर्क के बोर्ड में प्रतिनिधि था। जनवरी 2014 से नवंबर 2014 तक बोर्ड में मैं एक स्वतंत्र निदेशक था। जब नवंबर 2014 में मंत्री बना तो बोर्ड मेंबर से इस्तीफा दे दिया। मेरा इन कंपनियों से अब कोई संबंध नहीं है। डिलाइट डिजाइन बोर्ड मेंबर के तौर पर मैंने कोई लाभ हासिल नहीं किया।

उन्होंने कहा कि जनवरी 2014 से नवंबर 2014 तक स्वतंत्र निदेशक के तौर पर मुझे परामर्श शुल्क के रूप में रकम मिली और इसी तरह डिलाइट डिजाइन के शेयर भी मिले। मैंने जो टैक्स फाइल की है उसमें ये सारी जानकारी मौजूद है। मेरे कई हलफनामों में इसकी जानकारी दी गई है। इन सालों में जब मैं ओमिड्यार नेटवर्क में था तो इस फर्म ने कई निवेश किए थे, जिसमें डिलाइट डिज़ाइन भी शामिल है। बोर्ड मेंबर को तौर पर वित्तीय दस्तावेजों पर मेरे हस्ताक्षर की जरूरत थी।

BJP सांसद आरके सिन्हा ने साधी चुप्पी

वहीं, बीजेपी सांसद आरके सिन्हा से जब पैराडाइज पेपर्स खुलासे में उनके नाम के बारे में पत्रकारों ने जब सवाल किया तो उन्होंने मौनव्रत धारण करने का इशारा करते हुए कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। दरअसल पैराडाइज पेपर्स उनके नाम होने के चलते जब मीडिया ने सवाल किया तो सिन्हा ने दिलचस्प अंदाज में जवाब दिया है।

सिन्हा ने पत्रकार द्वारा पूछे गए सवाल पर यह लिख कर जवाब दिया कि अभी उनका मौनव्रत चल रहा है। पहले तो उन्होंने सिर हिलाकर जवाब देने से इनकार कर दिया। फिर भी मीडियाकर्मियों द्वारा बार-बार सवाल पूछने के बाद पत्रकारों से एक पेन लेकर एक कागज में लिखा, ‘7 दिन के भागवत महायज्ञ में मौन व्रत है।’ सिन्हा ने कागज पर लिखकर बताया कि वो अगले सात दिनों तक किसी भी मुद्दे पर कुछ नहीं बोलेंगे।

क्या है मामला?

1.34 करोड़ दस्तावेजों के इस सेट को ‘पैराडाइज पेपर्स’ नाम दिया गया है। यह खुलासा पनामा पेपर्स के खुलासे के 18 महीनों बाद हुआ है। दोनों ही खुलासे जर्मनी के अखबार जीटॉयचे साइटुंग ने किए हैं। इन खुलासों को करने के लिए इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) की ओर से छानबीन की गई है। आपको बता दें कि यह कंसोर्टियम 96 मीडिया ऑर्गेनाइजेशन के साथ पार्टनरशिप करके यह काम करता है।

इस खुलासे के जरिये उन फर्मों और फर्जी कंपनियों के बारे में बताया गया है जो दुनिया भर में अमीर और ताकतवर लोगों का पैसा विदेशों में भेजने में उनकी मदद करते हैं। पैराडाइज पेपर्स लीक में पनामा की तरह ही कई भारतीय राजनेताओं, अभिनेताओं और कारोबारियों के नाम सामने आए हैं।

आईसीआईजे के भारतीय सहयोगी मीडिया संस्थान इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस लिस्ट में कुल 714 भारतीयों के नाम शामिल हैं। वहीं दुनिया भर की बात करें तो इस लिस्ट में कुल 180 देशों के नाम हैं। इस लिस्ट में भारत 19वें नंबर पर है। जिन दस्तावेजों की छानबीन की गई है, उनमें से ज्यादातर बरमूडा की लॉ फर्म ऐपलबाय के हैं।

119 साल पुरानी यह कंपनी वकीलों, अकाउंटेंट्स, बैंकर्स और अन्य लोगों के नेटवर्क की एक सदस्य है। इस नेटवर्क में वे लोग भी शामिल हैं जो अपने ग्राहकों के लिए विदेशों में कंपनियां सेट अप करते हैं और उनके बैंक अकाउंट्स को मैनेज करते हैं। खास बात यह है कि ऐपलबाय का दूसरी सबसे बड़ी क्लाइंट एक भारतीय कंपनी है, जिसकी दुनियाभर में करीब 118 सहयोगी कंपनियां हैं।

इन भारतीयों के नाम का हुआ खुलासा 

इस खुलासे में वर्तमान में केंद्र सरकार में विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा और बॉलिवुड के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन का भी नाम सामने आया है। इस लिस्ट में अमिताभ बच्चन के बरमूडा में एक कंपनी में शेयर्स होने का भी खुलासा हुआ है। केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा का नाम राजनीति में आने से पहले ओमिड्यार नेटवर्क में साझीदारी को लेकर सामने आया है।

इसके अलावा बीजेपी के राज्यसभा सांसद और कारोबारी आरके सिन्हा की कंपनी एसआईएस सिक्यॉरिटीज का नाम भी सामने आया है। पैराडाइज पेपर्स लीक में अभिनेता संजय दत्त की पत्नी मान्यता दत्त के पुराने नाम नाम दिलनशीं का भी जिक्र है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन लोगों ने विदेशी फर्मों और फर्जी कंपनियों की मदद से अपने धन को ठिकाने लगाए।

अखबार के मुताबिक, यह बस शुरुआती खुलासा है और अभी ऐसे 40 से ज्यादा बड़े खुलासे और किए किए जाएंगे।पैराडाइज पेपर्स ने 18 महीने पहले आए पनामा पेपर्स की याद एक बार फिर ताजा कर दी है, जिसने दुनिया भर में खूब हलचल मचाई थी।

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