“साला कांग्रेसी” ट्वीट कर विवादों में घिरे पूर्व राजनयिक और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, सोशल मीडिया पर हुए ट्रोल

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भारतीय विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को कांग्रेस पार्टी का मजाक उड़ाते हुए एक ऐसा ट्वीट किया, जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया है। सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री को आलोचनाओं का सामना होना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि ऐसा ट्वीट करने से पहले केंद्रीय मंत्री को सोचना चाहिए, क्योंकि वह केंद्रीय मंत्री के साथ-साथ पूर्व राजनयिक भी रह चुके हैं।

दरअसल, हरदीप सिंह पुरी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इतालवी में लिखे एक कॉन्फ्रेंस हॉल के साइन बोर्ड की तस्वीर शेयर किए हैं, जिसमें रोमन में लिखा है, “साला कांग्रेसी”। देखते ही देखते केंद्रीय मंत्री का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर जंगल में आग की तरह फैल गया। लोगों को पूरी का यह ट्वीट पसंद नहीं आया और लोग उनपर निशाना साधने लगे।

लोगों ने केंद्रीय मंत्री को याद दिलाया कि इतालवी में ‘साला कांग्रेसी’ का मतलब ‘कॉन्फेंस हॉल’ है। सोनिया मिनोचा नाम की एक यूजर ने लिखा है कि सर, आप एक केंद्रीय मंत्री हैं और एक राजनयिक भी रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसे आप सार्वजनिक मंच पर साझा किया। कृपया अपने कार्यालय के मानक निर्धारित करें। शुभकामनाएं! वहीं, पत्रकार अभिषेक बक्सी ने लिखा है कि क्या बीजेपी आपके साथ ऐसा करती है? एक अच्छा कैरियर कूटनीतिज्ञ और एक सम्मानित मंत्री का ‘हास्य’ निराशाजनक लगता है।

इसके अलावा ललित सुर्जन ने लिखा है आप अनुभवी कूटनीतिज्ञ हैं। आपसे ऐसे हल्के मज़ाक की अपेक्षा नहीं थी। एक यूजर ने लिखा है यह ‘पाठशाला’, ‘गौशाला’, ‘मधुशाला’, ‘धर्मशाला’ टाइप साला या ‘शाला’ है हजूर, इसमें इतना कामोत्तेजित होने की कोई बात नहीं। यह ‘कक्ष’ या ‘हॉल’ जैसा शब्द है। ऊपर वाले ने औकात से ज्यादा ऊपर बिठा दिया, तो उस स्तर के अनुरूप आचरण करना सीख लें। आप ही का नुकसान है।

बता दें कि भारतीय विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी हरदीप सिंह पुरी को मोदी सरकार में दूसरी बार मंत्री बनाया गया है। पिछली सरकार में पुरी आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे। वह एकमात्र मंत्री हैं जिन्हें लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी फिर से मंत्री बनाया गया है। उन्हें शहरी विकास और नागरिक उड्डयन मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) दिया गया है। पुरी ने पंजाब के अमृतसर से चुनाव लड़ा था, लेकिन कांग्रेस के गुरजीत सिंह औजला ने उन्हें करीब एक लाख वोटों से हरा दिया था।

 

 

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