बेरोजगार युवाओं की तरह से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हजारों पत्र पोस्ट किए जा रहे हैं, जिसमें उनसे राज्य भर के स्कूलों में 1,37,500 सहायक शिक्षकों के रिक्त पदों को तुरंत भरने का अनुरोध किया गया है। नौकरी का इंतजार कर रहे कुछ उम्मीदवारों ने अपने खून से पत्र लिखे हैं। कुछ पत्र अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है।
इस साल जुलाई से, ये उम्मीदवार राज्य सरकार द्वारा उनके खिलाफ भर्ती में पक्षपात का आरोप लगाते हुए लखनऊ में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) कार्यालय में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका दावा है कि सरकार हाशिए के समुदायों के उम्मीदवारों की अनदेखी करते हुए उच्च जाति के उम्मीदवारों का समर्थन कर रही है।
21 अक्टूबर को, आंदोलनकारी उम्मीदवारों पर पुलिस ने बेरहमी से लाठीचार्ज किया और उन्हें तितर-बितर कर दिया। पुलिस अब तक 61 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति और राज्यपाल को भी पत्र लिखकर कहा है कि नौकरी न मिलने पर उनके पास आत्महत्या करके अपनी जीवन लीला समाप्त करना ही एकमात्र विकल्प होगा। भाजपा 2017 में उत्तर प्रदेश में बहुमत, नौकरियों और राज्य में बेहतर सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ सत्ता में आई थी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने पक्ष में ट्वीट कर युवाओं की मांगों का समर्थन किया है। प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, “उप्र के युवा हाड़तोड़ मेहनत कर नौकरियों के लिए तैयारी करते हैं। उनके माता-पिता पसीना बहाकर उनकी पढ़ाई व तैयारी का खर्च उठाते हैं। बड़े ही शर्म की बात है कि भाजपा सरकार उन्हें इस कदर प्रताड़ित करती है कि नौकरी मांगने के लिए वे खून से खत लिखने को मजबूर हैं।”
उप्र के युवा हाड़तोड़ मेहनत कर नौकरियों के लिए तैयारी करते हैं। उनके माता-पिता पसीना बहाकर उनकी पढ़ाई व तैयारी का खर्च उठाते हैं।
बड़े ही शर्म की बात है कि भाजपा सरकार उन्हें इस कदर प्रताड़ित करती है कि नौकरी मांगने के लिए वे खून से खत लिखने को मजबूर हैं।#भाजपा_गद्दी_छोड़ो pic.twitter.com/7HWAoEtLyp
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 26, 2021
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 25, 2021