तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग खत्म होने के बाद एक स्कूटी पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) रखकर ले जा रहे दो लोगों को भीड़ ने पकड़ लिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। द्रमुक (DMK) का दावा है कि ये लोग EVM के साथ कोई गड़बड़ करने वाले थे। हालांकि, इन लोगों को भीड़ ने देख लिया, जिसके बाद पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई। माना जा रहा है कि स्कूटी पर EVM रखकर ले जा रहे लोग चेन्नई नगर निगम के कर्मचारी हैं।
यह घटना मंगलवार को चेन्नई के वेलाचेरी इलाके में हुई, जहां शाम को वोटिंग खत्म होने के बाद दो लोग स्कूटी पर EVM रखकर ले जा रहे थे। हालांकि, इन लोगों को भीड़ ने देख लिया। ख़बरों के मुताबिक, हंगामा उस समय और बढ़ गया, जब पुलिस ने मौके से तीन लोगों को बिना किसी जांच के वहां से हटाने की कोशिश की।
इसके बाद भड़के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। जबकि द्रमुक नेता और चेन्नई के पूर्व मेयर एमए सुब्रमणियम ने चुनाव आयोग से इस पूरे मामले पर सफाई मांगी। सुब्रमणियम ने कहा कि चुनाव आयोग इस मामले पर स्थिति स्पष्ट करे।
मामला बढ़ता देख राज्य के मुख्य चुनाव अधिकार सत्यब्रत साहू ने सफाई दी कि स्कूटी पर EVM ले जाने वाले निगम के ही कर्मचारी थे। उन्हें आरक्षित मशीनों के रूप में रखा गया था और उन्हें अधिकृत वाहन में ले जाया जाना चाहिए था।उन्होंने कहा कि उनके दो कर्मचारियों ने ये गलती की है और इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं। हालांकि, साहू ने ये भी कहा कि वो जो EVM ले जा रहे थे उसे वोटिंग के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, मतदान के खत्म के बाद यह लोग ईवीएम को मतगणना केंद्र तक ले जा रहे थे। दोनों व्यक्तियों को कथित तौर पर पुलिस को सौंप दिया गया था, यहां तक कि चुनाव आयोग ने भी कथित तौर पर जांच का आदेश दिया।
बता दें कि, तमिलनाडु की 234 विधानसभा सीटों के लिए 6 अप्रैल को एक ही फेज में वोटिंग हुई। राज्य में 72.78% वोटिंग हुई। यहां बहुमत के लिए 118 सीटें जीतना जरूरी है। 2016 में AIADMK ने 134 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। DMK को 97 सीटें मिली थीं।