ट्विटर ने नियमों का उल्लंघन बताते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के उस ट्वीट को हटा दिया, जिसमें उन्होंने एक फोन नंबर साझा करते हुए आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संस्थापक लालू प्रसाद यादव रांची की जेल से फोन कर एनडीए के विधायकों को लालच दे कर राज्य में नव-निर्वाचित एनडीए सरकार को गिराने का प्रयास कर रहे हैं। ट्विटर ने ट्वीट हटाते हुए स्पष्ट किया कि इस ट्वीट में नियमों का उल्लंघन है, जिस वजह से इसे हटा दिया गया है।
सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संस्थापक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव जेल के भीतर से राज्य में नव-निर्वाचित एनडीए सरकार को गिराने का प्रयास कर रहे हैं। सुशील मोदी ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि लालू यादव एनडीए विधायकों को फोन कर उन्हें मंत्री पद का प्रलोभन दे रहे हैं। पूर्व डिप्टी सीएम ने ट्वीट के जरिए यह सनसनीखेज आरोप हुए एक मोबाइल नंबर साझा कर दावा किया था कि लालू इसी नंबर से बात कर रहे हैं।
सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में मोबाइल नंबर 8051216302 का जिक्र करते हुए कहा कि इस नंबर से विधायकों को फोन आए हैं। उन्होंने दावा किया कि इस नंबर की सत्यता की पुष्टि करने के लिए जब फोन किया तो सीधे लालू यादव ने कॉल रिसिव किया। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा था, “लालू प्रसाद से मैंने बातचीत भी की और उन्हें कहा कि ऐसी गंदी हरकत न करें। विधायकों को तोड़ने की कोशिश कहीं से भी उचित नहीं है और इस कोशिश में आप कामयाब नहीं होंगे। उनकी मंशा कभी भी सफल नहीं होने वाली है।”
वहीं, इसके बाद सुशील मोदी ने लालू यादव का एक कथित ऑडियो भी शेयर किया था। उन्होंने दावा किया था कि लालू यादव ने एनडीए विधायक को विधान सभा स्पीकर के चुनाव से हटने की सलाह दी और उन्होंने विधायक को मंत्री पद का ऑफर भी किया। ऑडियो वायरल होने के बाद भाजपा विधायक ललन पासवान ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि लालू यादव ने फोन किया था। हालांकि RJD ने आरोपों से इनकार किया हैं।