सुप्रीम कोर्ट द्वारा वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के बाद उनके द्वारा पोस्ट किए गए दो ट्वीट को ट्विटर ने ब्लॉक कर दिया है।
ट्विटर ने प्रशांत भूषण के दो ट्वीट, जो उन्होंने 27 जून और 29 जून को पोस्ट किए थे, उन्हें हटा दिया है। बता दें कि, इन ट्वीट पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को अवमानना नोटिस जारी किया था। वो ट्वीट अब नहीं देखे जा सकते और उन्हें एक संदेश से छुपाया गया है, जिसमें लिखा है कि “प्रशांत भूषण के इस ट्वीट को कानूनी मांग के जवाब में भारत में हटा दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच में जस्टिस अरुण मिश्रा, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी की पीठ ने प्रशांत भूषण द्वारा पोस्ट किए गए विवादास्पद ट्वीट को नहीं हटाने के लिए 23 जुलाई को ट्विटर इंडिया के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता साजन पूवैया से मौखिक रूप से पूछा था कि सुप्रीम कोर्ट के इस पर अवमानना कार्यवाही शुरू करने के बावजूद ट्विटर ने ट्वीट क्यों नहीं हटाए?
पीठ ने प्रशांत भूषण को नोटिस जारी किया, जिसमें पूछा गया कि वे कारण बताएं कि न्यायपालिका पर उनके ट्वीट पर अदालत की अवमानना के लिए उनके खिलाफ कार्यवाही क्यों न की जाए।
इससे पहले भी उच्चतम न्यायालय ने नवंबर, 2009 में प्रशांत भूषण द्वारा एक पत्रिका को दिए गए साक्षात्कार में शीर्ष अदालत के कुछ पूर्व और पीठासीन न्यायाधीशों के बारे में कथित रूप से आक्षेप किए जाने के मामले में उन्हें अवमानना का नोटिस दिया था। यह मामला शीर्ष अदालत में अभी तक लंबित है और न्यायालय की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार यह प्रकरण अंतिम बार मई, 2012 में सूचीबद्ध हुआ था।
गौरतलब है कि, प्रशांत भूषण न्यायपालिका से जुड़े मसले लगातार उठाते रहे हैं और हाल ही में उन्होंने कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के दौरान दूसरे राज्यों से पलायन कर रहे कामगारों के मामले में शीर्ष अदालत के रवैये की तीखी आलोचना की थी।