एक बार फिर बिप्लब देब ने दिया ‘दिव्य’ ज्ञान, बोले- ‘सरकारी नौकरी के लिए नेताओं के पीछे नहीं भागें, पान की दुकान खोलें’

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त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। उनके विवादित बयानों का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर उनका एक ताजा बयान चर्चा में है। अब बिप्लब देब ने रोजगार को लेकर युवाओं को सलाह देते हुए कहा है कि वह सरकारी नौकरी के लिए नेताओं के पीछे भागने की जगह पान की दुकान खोलें। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि इससे अच्छा है कि प्रधानमंत्री के मुद्रा योजना के तहत बैंक से लोन लेकर पशु संसाधन क्षेत्र के विभिन्न परियोजनाओं को शुरू करके स्वयं रोजगार का सृजन करें।

Photo: @BjpBiplab

बिप्लब देब ने कहा, ‘युवा कई सालों तक राजनीतिक दलों के पीछे सरकारी नौकरी के लिए पड़े रहते हैं। वह अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय यहां-वहां दौड़-भाग कर सरकारी नौकरी की तलाश में बर्बाद करते हैं। लेकिन अगर वही युवा सरकारी नौकरी तलाश करने के लिए राजनीतिक पार्टियों के पीछे भागने की बजाय पान की दुकान लगा ले तो उसके बैंक खाते में अब तक 5 लाख रुपए जमा होते।’

उन्होंने प्रज्ञा भवन में त्रिपुरा वेटेरनरी परिषद द्वारा आयोजित सेमिनार ‘आजीविका, खाद्य सुरक्षा और सुरक्षा में सुधार के लिए सतत विकास में पशु चिकित्सा पेशे की भूमिका पर’ संबोधन के दौरान यह बातें कहीं। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि नौकरी मांगने के बजाय गाय पालना बेहतर काम है।

बिप्लब ने कहा कि ‘हर घर में गाय होनी चाहिए। यहां दूध 50 रुपए लीटर है, तो एक गाय लें, कोई ग्रेजुएट है, नौकरी के लिए घूमता रहता है 10 साल से, अगर 10 साल गाय पाल लेता तो अपने आप 10 लाख रुपए का बैंक बैलेंस तैयार हो जाता।’ बता दें कि रोजगार के मसले पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार विपक्ष और युवाओं के निशाने पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोजगार के मसले पर मुद्रा योजना की तारीफ की थी और पकौड़ा का जिक्र किया था।

समाचार चैनल जी न्यूज को दिये साक्षात्कार में जब पीएम मोदी से अपर्याप्त नौकरी सृजन के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि अगर कोई पकौड़ा बेचकर प्रतिदिन 200 रुपये कमाता है तो उसे भी नौकरी के तौर पर माना जाना चाहिए। रोजगार के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा था कि अगर जी टीवी के बाहर कोई व्यक्ति पकौड़ा बेच रहा है तो क्या वह रोजगार होगा या नहीं? पीएम मोदी के इस बयान के बाद काफी बवाल हुआ था।

‘सिविल सेवा में नहीं आएं मैकेनिकल इंजीनियर’

बता दें कि त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब अपने बयानों को लेकर लगातार मीडिया में छाये हुए हैं। एक के बाद एक वह ऐसे अजीबोगरीब बयान दे रहे हैं, जिसकी वजह से सोशल मीडिया में भी काफी चर्चा में हैं। बिप्लव देव ने कहा है कि उनके विचार से सिविल सेवा के लिए मैकेनिकल इंजीनियरों की तुलना में सिविल इंजीनियर ज्यादा उपयुक्त हैं।

प्रजना भवन में एक दिन पहले शुक्रवार (26 अप्रैल) को मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘मैकेनिकल इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले सिविल सेवा का चुनाव नहीं करें। समाज को तैयार करना है। सिविल इंजीनियरों के पास इसका ज्ञान है। प्रशासन में शामिल लोगों को समाज को तैयार करना होता है।’

देव ने कहा था कि पूर्व में कला स्नातक सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होते थे। और अब मेडिकल और इंजीनियरिंग स्नातक सिविल सेवा में भी आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा अधिकारी को आल राउंडर होना चाहिए क्योंकि सभी क्षेत्रों का ज्ञान रखने वाले लोगों की सबसे ज्यादा मांग है।

डायना हेडन से जुड़ी टिप्पणी के लिए मांगी माफी

इससे पहले बिप्लब कुमार देब को डायना हेडन को 1997 में मिस वर्ल्ड खिताब जीतने पर सवाल उठाने और अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिताओं को छलावा बताने से जुड़ी अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी पड़ी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं राज्य के हैंडीक्राफ्ट्स के बेहतर मार्केटिंग के तरीके को लेकर बात कर रहा था। अगर किसी को बुरा लगा या उसे अपमानित महसूस हुआ तो मैं उसके लिए खेद जताता हूं। मैं सभी महिलाओं का अपनी मां की तरह सम्मान करता हूं।’

दरअसल, देब ने कहा था, ‘जिसने भी अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया, जीतकर लौटा। लगातार पांच सालों तक, हमने मिस वर्ल्ड/मिस यूनिवर्स के ताज जीते। डायना हेडन भी जीत गयीं। क्या आपको लगता है कि उन्हें ताज जीतना चाहिए था? इसके उलट उन्होंने ऐश्वर्या की तारीफ करते हुए कहा था कि वह ‘सच में भारतीय महिलाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं।

इस टिप्पणी के लिए सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री की जमकर आलोचना हुई। वहीं डायना हेडन ने अपनी जीत पर सवाल करने के लिए त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब की आलोचना करते हुए कहा था, ‘आहत करने वाला है और गेहुंए रंग को लेकर भारतीयों की सोच का पता चलता है जबकि उन्हें इसपर गर्व होना चाहिए।

डायना ने आगे कहा कि उन्हें पता है कि मुख्यमंत्री ने उनकी तुलना ऐश्वर्या से क्यों की और पूर्व मिस वर्ल्ड प्रियंका चोपड़ा या मौजूदा मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर से क्यों नहीं की। यह साफ है कि उन्होंने हमारे रंग में अंतर होने की वजह से मेरी तुलना ऐश (ऐश्वर्या) से की और प्रियंका या मौजूदा मिस वर्ल्ड मानुषी से नहीं की। उन्हें शर्म आनी चाहिए क्योंकि हमारा खूबसूरत गेहुंआ रंग हमारे लिए गर्व का विषय है।

‘इंटरनेट का आविष्कार महाभारत काल में हुआ था’

बिप्लब कुमार देव ने पिछले दिनों दावा किया था कि इंटरनेट और सैटेलाइट आज की नई तकनीक नहीं है बल्कि यह महाभारत काल के जमाने से अस्तित्व में है। अगरतला में प्रगना भवन में कंप्यूटराइजेशन और सुधार पर आयोजित एक क्षेत्रीय वर्कशॉप को संबोधित करते हुए त्रिपुरा सीएम देब ने कहा था कि इंटरनेट लाखों साल पहले भारत के द्वारा आविष्कार किया गया था।

बिप्लब देव ने कहा, “ये देश वो देश है, जहां महाभारत में संजय ने बैठकर धृतराष्ट्र को युद्ध में क्या हो रहा था, बता रहे थे। इसका मतलब क्या है? उस जमाने में टेक्नोलॉजी थी, इंटरनेट था, सैटेलाइट थी, संजय के आंख से कैसे देख सकता है वो।” त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने कहा था कि पश्चिम देशों ने नहीं, बल्कि भारत ने इंटरनेट का आविष्कार किया है।

उन्होंने कहा, “इसका मतलब ये है कि उस समय तकनीक थी। बीच में क्या हुआ, नहीं हुआ, बहुत कुछ बदला पर उस जमाने में इस देश में टेक्नोलॉजी थी। यह काम आप लोगों ने पहले नहीं किया, इस देश में लाखों साल पहले यह अविष्कार हो चुका था।” मुख्यमंत्री के इस बयान का सोशल मीडिया पर जमकर मजाक बनाया गया था।

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