गुजरात के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में काम करने वाले चार गाइडों ने 70,000 रुपये की राशि से भरा एक पर्स उसकी असली मालकिन उत्तर प्रदेश की महिला को लौटा दिया। महिला कुछ दिन पहले इस पर्यटन स्थल की यात्रा के दौरान यहां पर्स भूल गई थी।
समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी एरिया डेवलपमेंट एंड टूरिज्म गवर्नेंस अथॉरिटी’ ने एक बयान में कहा कि महिला उत्तर प्रदेश के अपने पैतृक स्थान जा चुकी थी इसलिए नर्मदा जिले के केवड़िया के निकट स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के अधिकारियों ने पर्स बुधवार को महिला के गुजरात के रिश्तेदार को पुष्टि के बाद सौंप दिया।
गुजरात के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव कुमार गुप्ता ने गाइडों की ईमानदारी की तारीफ की है। 19 सितंबर को चार गाइड – शाहीन मेमन, जूली पांड्या, ज्योतसना ताडवी और प्रताप ताडवी ने मध्याह्न भोजन छुट्टी के बीच इस पर्स को खाद्य पदार्थ क्षेत्र में पाया था।
बयान में बताया गया कि पर्स में 70,000 रुपये नकद, चाबियां और अन्य सामान थे। गाइडों को जब लगा कि यह किसी पर्यटक का पर्स हो सकता है तो उन्होंने तत्काल इसकी जनकारी वरिष्ठ अधिकारी प्रतीक माथुर को दी, जिन्होंने अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर पर्स में मिले कागजात के आधार पर पर्यटक का पता लगाना शुरू किया।
कुछ मोबाइल नंबर पर कॉल करने के बाद अधिकारियों को पता चला कि यह पर्स स्नेहा जालान का है जो 19 सितंबर को यहां आई थीं और फिर उत्तर प्रदेश चली गईं।
महिला गुजरात में नहीं थीं इसलिए उन्होंने अधिकारियों से इसे गुजरात के अपने रिश्तेदार को सौंपने की अपील की। बयान के अनुसार बुधवार को उनके रिश्तेदार को पर्स सौंप दिया गया।