किसान आंदोलन: गाजीपुर बॉर्डर से हटने लगे टेंट, प्रदर्शनकारियों की संख्या में आई कमी; रात को कट गई थी बिजली की सप्लाई

0

मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर बीते दो महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है, लेकिन गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद बॉर्डर पर किसानों की संख्या में कमी आई है। गाजीपुर बॉर्डर से अब टेंट हटने लगे हैं, यहां प्रदर्शनकारियों की संख्या में कमी देखने को मिल रही हैं। बताया जा रहा है कि, रात को यहां बिजली की सप्लाई भी काट दी गई थी।

गाजीपुर बॉर्डर
फोटो: सोशल मीडिया

गाजीपुर बॉर्डर पर जहां पहले सैंकड़ों किसान मौजूद थे, वहीं गुरुवार सुबह यहां न के बराबर ही किसान दिखाई दिए।गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों द्वारा लगाए गए टेंट उखड़ने लगे हैं, आंदोलनकारी किसान भी ट्रैक्टर लेकर वापस अपने-अपने गंतव्य स्थानों की ओर जाने लगे हैं। बॉर्डर पर किसान द्वारा चलाया जा रहा लंगर भी बंद हो चुका है, हालांकि अब कुछ ही किसान लंगर सेवा जारी रखे हुए हैं। हालांकि, किसान नेताओं के बीच मतभेद सामने आने के बाद से ही आंदोलनकारियों की संख्या में कमी देखी जा रही है।

गाजीपुर बार्डर पर पिछली शाम से बिजली की सप्लाई बंद रही, जिसको लेकर किसान नेताओं में आशंका रही कि कहीं पुलिस रात में इनके खिलाफ कार्रवाही न करे। इस डर से किसान यहां रातभर पहरा देते रहे। दिल्ली में ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान हुई हिंसा के एक दिन बाद, केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन से दो किसान संगठन बुधवार को अलग हो गए।

गौरतलब है कि, सिंघु, टिकरी, गाजीपुर बॉर्डर किसानों के विरोध स्थलों का मुख्य केंद्र रहे हैं। गणतंत्र दिवस के दिन तय समय से पहले ही किसानों ने ट्रैक्टर परेड शुरू कर दी थी। देखते ही देखते परेड ने हिंसा का रूप ले लिया और जगह जगह तोड़ फोड़ शुरू हो गई और किसान दिल्ली की सीमाओं में प्रवेश करने लगे।

रास्ते में आने वाली हर चीज किसानों की तरफ से तोड़ी गई, वहीं आईटीओ और लाल किले पर पहुंचे प्रदर्शनकारी किसान सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर से थे। जहां सबसे ज्यादा हिंसा देखी गई। गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा में करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हुए वहीं एक किसान की ट्रैक्टर पलटने से मृत्यु भी हो गई। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)

Previous articleडॉक्टर केके अग्रवाल को पत्नी के बिना कोरोना वैक्सीन लगवाना पड़ा भारी, वीडियो देख नहीं रोक पाएंगे आप अपनी हंसी
Next articleट्रैक्टर परेड हिंसा: दिल्ली पुलिस ने योगेंद्र यादव समेत 20 किसान नेताओं को जारी किया नोटिस, 3 दिनों में मांगा जवाब