आजतक ने शिल्पा शेट्टी की फिल्म के गाने के सहारे यूपी-बिहार में महागठबंधन की मंशा पर उठाए सवाल! एंकर पर भड़के तेजस्वी यादव

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आगामी लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के गठबंधन के बाद तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रविवार और सोमवार को लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की। मुलाकात के बाद राजद नेता ने उम्मीद जाहिर की कि उत्तर प्रदेश में हुए गठबंधन का विस्तार बिहार तक होगा और बीजेपी को हराने के लिए सभी पार्टियां एकजुट होकर काम करेंगी।

वहीं, इस मुलाकात के बाद बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी की फिल्म ‘शूल’ के हिट गाने ‘मैं आई हूं यूपी-बिहार लूटने…’ के तर्ज पर ‘आजतक’ ने अपने एक कार्यक्रम में यूपी और बिहार में महागठबंधन की मंशा पर कथित तौर पर सवाल उठाए। आजतक और चैनल की मशहूर एंकर अंजना ओम कश्यप के ट्विटर हैंडल से एक फोटो शेयर किया गया, जिसका शीर्षक था, “साथ आए हैं यूपी-बिहार लूटने…शाम 6 बजे सिर्फ आजतक पर” इस ग्राफिक्स में मायावती, अखिलेश, तेजस्वी और अंजना की तस्वीर लगी हुई थी।

चैनल के इस शीर्षक पर तेजस्वी यादव ने आपत्ति जताता है, जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा कि गठबंधन का उद्देश्य उत्तर प्रदेश और बिहार को लूटना है। चैनल के तस्वीर को शेयर करते हुए तेजस्वी ने लिखा, “बेचैनी समझ आ रही है। मोदी (पीएम नरेंद्र मोदी) नाम का जाप ही इतना कर लिया कि अब इतने बड़े नियोक्ता के हटने मात्र के ख़्याल से ही घबराहट में हड़बड़ाहट से “जीतने” को “लूटने” लिखा गया। ख़ैर,मोदी जी की 40 पार्टियों के रहमो करम पर चुनावी वैतरणी पार करने की कोशिश तो शो-बाजो के लिए मास्टर स्ट्रोक है।”

तेजस्वी के ट्वीट पर अंजना ओम कश्यप ने पलटवार करते हुए लिखा, “इस नाम पर एडिटोरियल मीट में काफ़ी चर्चा हुई थी। गाने में तो बादशाहत और दिल लूटने की भावना थी। तेजस्वी यादव जिसकी जैसी भावना वो वैसे समझता है। ज़रा बाहर निकलिए मीडिया पर एकतरफा मानसिकता से।”

अंजना ओम कश्यप के जवाब से तेजस्वी संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने फिर उन्हें जवाब देते हुए लिखा, “एडिटोरियल मीट में पनेलिस्ट्स को प्रभु कहने पर तो चर्चा नहीं हुई होगी। मीडिया की एकतरफ़ा मानसिकता के विषय में सुदूर गाँवों में बैठे लोग भी बता सकते है कि देश के प्रमुख सरकारी मान्यता प्राप्त पन्ना प्रमुख कौन-कौन है। हमें किसी के किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह से कोई आपत्ति नहीं।”

बता दें कि बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में तेजस्वी ने कहा था कि मैं छोटा हूं, मैं यहां (लखनऊ) उन्हें (मायावती को) उनके जन्म दिवस पर अग्रिम बधाई देने और उनका आर्शीवाद लेने आया हूं। वह एक गंभीर और वरिष्ठ नेता हैं और हमें भविष्य में भी उनके मार्गदर्शन की जरूरत होगी। बाद में तेजस्वी ने अपने ट्विटर एकाउंट पर मायावती के साथ ली गईं कुछ तस्वीरें साझा कीं जिसमें वह बसपा प्रमुख के पैर छूते दिख रहे है।

मायवती के बाद तेजस्वी ने अगले दिन सोमवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव से भी मुलाकात की थी। सोमवार को अखिलेश से मुलाकात के बाद तेजस्वी ने कहा कि यूपी और बिहार में बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया है, वह अब एक सीट भी नहीं जीत पाएगी। उन्होंने कहा कि ये दो प्रदेश यूपी और बिहार ही हैं, जो यह तय करेंगे कि केंद्र में किसकी सत्ता होगी।

वहीं, तेजस्वी यादव से मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए अखिलेश ने ट्वीट कर लिखा, “बसपा-सपा एकजुटता को स्वयं लखनऊ आकर अपना समर्थन देने के लिए राजद नेता व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी यादव को हम सबकी तरफ़ से हार्दिक धन्यवाद. भाजपा की राजनीतिक अंकगणित में इस बार के चुनाव में यूपी-बिहार से कुछ नहीं जुड़नेवाला”

गौरतलब है कि बसपा और सपा आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगी। इन दोनों पार्टियों ने राज्य की दो सीटें छोटी पार्टियों के लिए छोडी हैं जबकि अमेठी और रायबरेली की दो सीटें कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ने का फैसला किया है। बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 12 जनवरी को राजधानी लखनऊ के एक होटल में आयोजित संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह घोषणा की थी।

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