अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले BJP को बड़ा झटका लगा है। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने से नाराज केंद्र में मोदी सरकार की मुख्य सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने एनडीए से बाहर निकलने का फैसला किया है। हालांकि, अभी उनकी पार्टी एनडीए से भी अलग होगी या नहीं, इस पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की है।
TDP प्रमुख और आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार (7 मार्च) देर रात एक प्रेस कॉफ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी। नायडू ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया। उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार से अपने दोनों मंत्रियों को वापस बुला रहे हैं और वे इस्तीफा दे देंगे।
वहीं, प्रेस कांफ्रेंस से पहले चंद्रबाबू नायडू अपने केंद्र सरकार से अलग होने के फैसले की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खूद देना चाहते थे। यह उनके ट्वीट से जाहिर होता है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ट्विटर कर कहा कि, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने फैसले से अवगत कराना चाहता था। उनसे संपर्क करने की कोशिश किया, मगर वे उपलब्ध नहीं रहे। इससे पहले भी नायडू ने दो ट्वीट किए। एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि, मैं किसी से नाराज नहीं हूं। यह फैसला आंध्र प्रदेश की जनता की भलाई के लिए लिया गया है।
वहीं, उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि, केंद्र लगातार एकतरफा फैसले कर रहा है, अब हमारा धैर्य टूट गया है। केंद्र सरकार से जुड़ने की मंशा पूरी नहीं हुई, इसलिए यह अलग होने का समय है।
गौरतलब है कि, आंध्र प्रदेश में सत्ता और विपक्ष दोनों सूबे को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी ने नायडू को इस बाबत भरोसा दिया था। मगर केंद्र सरकार के चाल साल पूरे होने के बाद भी मांग पूरी न होने पर नायडू ने सरकार से अलग होने का फैसला लिया।
बता दें कि, नायडू की पार्टी टीडीपी के कुल 16 सांसद हैं। यह एनडीए सरकार में संख्याबल के लिहाज से तीसरी बड़ी पार्टी है। मोदी कैबिनेट में टीडीपी से दो मंत्री शामिल हैं। सरकार से पार्टी के अलग होने के एलान के बाद अब इन मंत्रियों के जल्द इस्तीफे देने की संभावना है।