चेन्नई की एक अदालत ने तमिलनाडु के प्रमुख नेता और एमडीएमके प्रमुख वी गोपालस्वामी या वाइको को 2009 राजद्रोह मामले में दोषी ठहराया है। एमडीएमके महासचिव व राज्य सभा उम्मीदवार वाइको को अदालत ने 2009 के राजद्रोह मामले में एक साल जेल व 10,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने उनकी अर्जी पर सजा के क्रियान्वयन पर एक महीने की रोक भी लगाई।
वाइको की किताब के लॉन्च के दौरान 2009 में उनके भाषण को राजद्रोह माना गया था और उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि तमिलनाडु के वरिष्ठ नेता वाइको को धारा 124 ए (राजद्रोह) के तहत 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।
तमिलनाडु में पुलिस ने 2009 में धारा 124 ए और 153 के तहत मामला दर्ज किया गया था। साथ ही 21 अक्टूबर 2008 को उनके भाषण के लिए एमडीएमके नेता के खिलाफ विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए भी मामला दर्ज था।
फैसला सुनाए जाने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए वाइको ने कहा कि उन्होंने आरोपों से इनकार नहीं किया है।
उन्होंने कहा, “आज का दिन मेरे जीवन का सबसे खुशी का दिन है।” उन्होंने कहा कि वह लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल इलम (एलटीटीई) को समर्थन देना जारी रखेंगे।
वाइको ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने सजा में नरमी बरते जाने की मांग की थी। वाइको ने कहा, “मैंने न्यायाधीश से कहा कि मैंने सजा में नरमी बरते जाने को नहीं कहा है। मैं एलटीटीई को समर्थन जारी रखूंगा। यहां तक कि अगर मुझे आजीवन कैद की सजा मिलती है तो मुझे खुशी होगी।”