कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने हुरियत कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा दे दिया है। एक ऑडियो मैसेज जारी करते हुए शाह गिलानी ने कहा कि उन्होंने अपने फैसले के बारे में सभी तो बता दिया है। उन्होंने कहा कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के मौजूदा हालात को देखते हुए उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया है।

छोटे से ऑडियो मैसेज में सैयद अली शाह गिलानी ने कहा कि, ‘हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के मौजूदा हालात को देखते हुए मैंने हर तरह से अलग होने का फैसला किया है। फैसले के बारे में हुर्रियत के सारे लोगों को चिट्ठी लिखकर कर सूचना दे दी गई है।’ हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के सदस्यों को लिखे पत्र में गिलानी ने कहा है कि इसके बाद वह मंच के घटक सदस्यों के भविष्य के आचरण के बारे में किसी भी तरह से जवाबदेह नहीं होंगे।
बता दें कि, 90 साल के अलगाववादी नेता गिलानी की सेहत पिछले कुछ महीनों से ठीक नहीं चल रही थी। इस साल फरवरी में उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती भी कराया गया था। कई बार उनकी तबीयत को लेकर अफवाहें भी उड़ाई गई थी।
— Ram Madhav (@rammadhavbjp) June 29, 2020
आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस (APHC) कश्मीर में सक्रिय सभी छोटे बड़े अलगाववादी संगठनों का एक मंच है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का गठन 9 मार्च, 1993 को कश्मीर में अलगाववादी दलों के एकजुट राजनीतिक मंच के रूप में किया गया था। इसका गठन कश्मीर में जारी आतंकी हिंसा और अलगाववादियों की सियासत को एक मंच देने के उद्देश्य से किया गया था