पिछले दिनों मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार द्वारा कंप्यूटर बाबा समेत पांच संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने के बाद अब मध्य प्रदेश गो-संरक्षण बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अखिलेश्वरानंद कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है। कहा जा रहा है कि इस फैसले के जरिए शिवराज सरकार अब धार्मिक और समाज के संतों के माध्यम से राजनीतिक माहौल बनाने में लग गई है।
बता दें कि इससे पहले अप्रैल महीने में शिवराज सरकार ने पांच संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। शिवराज सरकार का यह फैसला काफी चर्चित रहा था। दरअसल, जिन संतों को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया था वे मध्य प्रदेश में करोड़ों पौधे लगाने के दावे को घोटाला करार देकर ‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’ निकालने वाले थे। जिसके बाद शिवराज सरकार ने इन्हें मनाने के लिए नर्मदा नदी के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाने के लिए एक विशेष समिति बनाई गई थी।
इसमें पांच संत सदस्य थे और सभी को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। इनमें नर्मदानंद महाराज, हरिहरानंद महाराज, कम्प्यूटर बाबा, भय्यूजी महाराज एवं पंडित योगेंद्र महंत शामिल हैं। बता दें कि आध्यात्मिक गुरु और प्रसिद्ध संत भय्यूजी महाराज (50) ने मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित अपने घर में मंगलवार (12 जून) कथित रूप से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भय्यूजी महाराज ने शिवराज सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
Swami Akhileshwaranand given cabinet minister rank by Madhya Pradesh government, he was earlier given MoS rank.
— ANI (@ANI) June 13, 2018
अब स्वामी अखिलेश्वरानंद को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। बताया गया है कि अखिलेश्वर नर्मदा संरक्षण पैनल में साथी साधुओं से नाखुश थे। बता दें कि अखिलेश्वर मध्य प्रदेश गोरक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रहे हैं। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिन पांच संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था, उन्हीं में से कंप्यूटर बाबा और योगेंद्र महंत को नर्मदा संरक्षण के लिए बने पैनल में शामिल किया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक इस बात से अखिलेश्वरानंद महाराज नाराज थे। उनके मुताबिक दोनों साधु विवादित थे। बताया गया है कि उनको 11 जून को कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया है। बता दें कि स्वामी अखिलेश्वरानंद अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं। उन्होने कहा था कि तीसरा विश्वयुद्ध गाय पर होगा और 1857 की क्रांति की वजह भी गाय ही थी।