भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि भारत में पारले-जी की बिक्री में कमी आई है क्योंकि गरीब अब महंगे पेस्ट्री खा रहे है। उन्होंने देश में मौजूदा आर्थिक मंदी के लिए भारत की कॉरपोरेट लॉबी को भी जिम्मेदार ठहराया।
झारखंड में एबीपी न्यूज़ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बिहार के डिप्टी सीएम और भाजपा के दिग्गज नेता सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को कहा कि, “अगर लोगों ने पेस्ट्री खाना शुरू कर दिया है और इससे पारले-जी की बिक्री में कमी आई है, तो मुझे नहीं मालूम है।” हालांकि, उन्होंने कहा- पारले-जी की बिक्री ‘बिहार जैसे गरीब राज्य’ में बढ़ी। उनके इस बयान का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
WATCH: देश में कोई आर्थिक मंदी नहीं है, कॉरपोरेट लॉबी भय फैला रही है: सुशील मोदी
"अगर लोग बिस्किट छोड़ कर पेस्ट्री खाने लगे हैं और उस कारण से बिस्किट नहीं बिक रहे तो मैं नहीं कह सकता"@awasthis bhai bhi last me has diye… ?? pic.twitter.com/yXTZzkep6N
— Prashant Kumar (@scribe_prashant) September 18, 2019
बता दें कि, सुशील मोदी ने हाल ही में एक ट्वीट कर कहा था कि, “केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किये हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा। वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार कुछ राजनीतिक दल इस मंदी का ज्यादा शोर मचा कर चुनावी पराजय की खीझ उतार रहे हैं।”
बिहार में मंदी को बेअसर बताते हुए सुशील मोदी ने लिखा था, “बिहार में मंदी का खास असर नहीं है इसलिए वाहनों की बिक्री नहीं घटी है। केंद्र सरकार जल्द ही तीसरा पैकेज घोषित करने वाली है।”
केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किये हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा।
वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार……. pic.twitter.com/6pu1xkqzWP
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) September 1, 2019
गौरतलब है कि, पिछले महिने बिस्किट बनाने वाली भारत की सबसे बड़ी कंपनी पारले प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने कहा था कि वह अपने किफायती बिस्किट ब्रांड पारले-जी की बिक्री में मंदी के कारण करीब 10,000 कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है।
कंपनी के कैटिगरी हेड मयंक शाह ने बताया था कि, ‘हमने 100 रुपये प्रति किलो या उससे कम कीमत वाले बिस्किट पर GST घटाने की मांग की है। ये आमतौर पर 5 रुपये या कम के पैक में बिकते हैं। हालांकि अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हमें अपनी फैक्टरियों में काम करने वाले 8,000-10,000 लोगों को निकालना पड़ेगा। सेल्स घटने से हमें भारी नुकसान हो रहा है।’