2016 के सर्जिकल स्ट्राइक के प्रमुख रहे लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा- मोदी सरकार से पहले भी होती रही हैं सर्जिकल स्ट्राइक, भारतीय सेना का चुनावी अभियान में इस्तेमाल करना ठीक नहीं

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सितंबर 2016 में भारतीय सेना की ओर से नियंत्रण रेखा के पार जाकर आतंकियों के लॉन्‍च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक के समय उत्तरी सेना के कमांडर रहे लेफ्टिंनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा का कहना है कि भारतीय सेना मोदी सरकार के आने से पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई करती रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय सेना का चुनावी अभियान में इस्तेमाल किया जाना अच्छा संकेत नहीं है।

डीएस हुड्डा
फाइल फोटो: लेफ्टिंनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा

जयपुर में एक संगोष्ठी में भाग लेने आए लेफ्टिंनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा से जब कांग्रेस के इस दावे के बारे में पूछा गया कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में भी छह सर्जिकल स्ट्राइक हुईं थी तो उन्होंने कहा,’ सेना ने ऐसा पहले भी किया है। लेकिन मुझे इसकी तारीख और ये किन इलाकों में हुईं इसके बारे में ठीक ठीक पता नहीं है।’ लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा, ‘अब इसे सर्जिकल स्ट्राइक कहें या सीमापार कार्रवाई लेकिन सेना ने पहले भी ऐसा किया है।’

हुड्डा ने बालाकोट में भारतीय वायुसेना की कार्रवाई की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इस बारे में भारतीय वायुसेना, वायुसेना अध्यक्ष द्वारा दिए गए आधिकारिक बयान पर शक करने की कोई वजह है। उन्होंने कहा था कि हमने तय लक्ष्यों पर हमला किया। मुझे नहीं लगता कि वायुसेना अध्यक्ष ने इन हमलों में जानमाल के नुकसान के बारे में कोई बात कही थी।’

उन्होंने हमारे संचार क्षेत्र में चीनी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर कहा, ‘यह बहुत ही गंभीर बात है। हमारे दूरसंचार क्षेत्र के ज्यादातार हार्डवेयर चीनी हैं। हम इन कंपनियों के चीन की सरकार से संबंधों के बारे में जानते हैं। मुझे लगता है कि यह यह बहुत ही गंभीर मसला है और हमें कम से कम हमारे अति महत्व वाले क्षेत्रों में भारत निर्मित हार्डवेयर पर विचार करना चाहिए।’ संगोष्ठी में हुड्डा ने कहा कि भारतीय सेना का इस्तेमाल चुनावी अभियानों में करना ठीक नहीं है और यह बात हमारा निर्वाचन आयोग भी कह चुका है।

बता दें कि, अभी हाल ही कांग्रेस ने दावा किया था कि मनमोहन सरकार में कुल छह बार सर्जिकल स्ट्राइक हुई। ये कार्रवाई 2008 से 2014 के बीच हुई। कांग्रेस के इन दावों पर प्रधानमंत्री मोदी ने पार्टी पर निशाना भी साधा था।

मोदी ने राजस्थान के सीकर में एक रैली में कहा था कि कांग्रेस के एक नेता ने चार महीने पहले दावा किया था कि कांग्रेस के शासनकाल में तीन सर्जिकल स्ट्राइक की गयीं और अब एक और नेता कह रहे हैं कि पार्टी ने छह सर्जिकल स्ट्राइक की थीं। मोदी ने कहा, ‘‘चार महीने में संख्या तीन से बढ़कर छह हो गयी, चुनाव पूरे होने तक यह संख्या बढ़कर 600 हो जाएगी। जब स्ट्राइक कागज पर हुई हो तो इसके मायने ही क्या हैं। कांग्रेस केवल झूठ बोलती है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘पहले इन्होंने कहा कि ऐसा कुछ होता ही नहीं है,पहले मजाक उड़ाया जब देखा कि जनता मोदी के साथ है तो विरोध करना शुरू कर दिया। अब तीसरा रास्ता अपनाने लगे कि हमने भी स्ट्राइक की थी। पहले उपेक्षा, फिर विरोध और अब हमने भी किया था। मी टू- मी टू …अरे तेरी मी टू। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि ये नेता वीडियो गेम खेलते हैं और शायद सर्जिकल स्ट्राइक को गेम मानकर आनंद लेते हैं।’

बता दें कि कश्‍मीर के उड़ी में 2 साल पहले सैन्‍य शिविर पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने नियंत्रण रेखा पार कर सर्जिकल स्‍ट्राइक किया था और पाक‍िस्‍तान के कब्जे वाले कश्‍मीर में आतंकियों के कई लॉन्‍च पैड्स ध्वस्‍त कर दिए थे। जिसके बाद केंद्र की मोदी सरकार ने सेना की इस सफलता का श्रेय लेने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। (इंपुट: भाषा के साथ)

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