असम: NRC को-ऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, कहा- क्यों न आपको जेल भेजा जाए?, मीडिया से बात करने पर रोक

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असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की प्रक्रिया को लेकर एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला के एक बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। मीडिया में आए प्रतीक हजेला के बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप कौन होते हैं यह कहने वाले कि फ्रेश डॉक्यूमेंट दें? आप ने ये कैसे कहा कि काफी मौके देंगे। आपका काम रजिस्टर तैयार करना है न कि मीडिया को ब्रीफ करना।

Reuters

सुप्रीम कोर्ट ने प्रतीक हजेला से पूछा कि कोर्ट की अवमानना में उन्‍हें जेल क्‍यों न भेज दिया जाए। शीर्ष अदालत ने असम के एनआरसी समन्वयक प्रतीक हाजेला के साथ-साथ आरजीआई के शैलेश के राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मुद्दे पर मीडिया से बात करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि आप कह रहे हैं जिनका नाम इस मसौदे में नहीं है उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने के लिए अतिरिक्त या नए दस्तावेज जमा करने का मौका दिया जाएगा।

पहले हजेला बताएं कि उन्‍हें इस तरह का बयान देने का अधिकार किसने दिया। कोर्ट ने हजेला के उस इंटरव्यू को लेकर नाराजगी जताई है, कोर्ट ने हजेला के उस इंटरव्यू को लेकर नाराजगी जताई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जिन लोगों का नाम मसौदे में नहीं है। उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने के लिए नए दस्तावेज जमा करने का मौका दिया जाएगा।

न्यायालय ने असम के एनआरसी समन्वयक प्रतीक हाजेला और आरजीआई के शैलेश के राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मुद्दे पर मीडिया से बात करने पर रोक लगा दी है। अदालत ने असम के एनआरसी समन्वयक और आरजीआई से कहा कि उन्हें भविष्य में एनआरसी के मुद्दे पर मीडिया से बातचीत करने से पहले अनुमति लेनी होगी।

न्यायालय ने समाचार पत्रों की खबरों का जिक्र करते हुये मीडिया को बयान जारी करने के एनआरसी समन्वयक और भारत के महापंजीयक के अधिकार पर सवाल उठाए। न्यायालय ने आरजीआई और एनआरसी समन्वयक से कहा: इस बात को नहीं भूलें कि आप अदालत के अधिकारी हैं। आपका काम आदेशों का पालन करना है। आप कैसे इस तरह से प्रेस में जा सकते हैं।

असम में 30 जुलाई को बहुप्रतीक्षित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) का दूसरा और आखिरी मसौदा जारी कर दिया गया। जिसके मुताबिक कुल 3.29 करोड़ आवेदन में से इस लिस्ट में 2.89 करोड़ लोगों को नागरिकता के योग्य पाया गया है, वहीं करीब 40 लाख (4,007,707) लोगों के नाम इससे बाहर रखे गए हैं। बता दें कि एनआरसी का पहला मसौदा 31 दिसंबर और एक जनवरी को जारी किया गया था। पहला मसौदा गत दिसंबर में जारी किया गया था। इसमें असम की 3.29 करोड़ आबादी में से केवल 1.90 करोड़ को ही भारत का वैध नागरिक माना गया था।

बता दें कि एनआरसी की सूची में उन सभी भारतीय नागरिकों के नाम-पते और तस्वीरें हैं, जो 25 मार्च 1971 से पहले से असम में रह रहे हैं। साथ ही राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर जारी करने वाला असम देश का पहला राज्य बन गया है। भारत के रजिस्ट्रार जनरल शैलेष ने बताया कि असम में वैध नागरिकता के लिए 3 करोड़ 29 लाख 91 हजार 384 लोगों ने आवेदन किया था। इनमें से 2 करोड़ 89 लाख 83 हजार 677 लोगों के पास ही नागरिकता के वैध दस्तावेज मिले।

 

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