सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की ट्रैक्टर रैली मामले में दखल देने से किया इनकार, कहा- पुलिस के पास आदेश जारी करने का अधिकार

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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (20 जनवरी) को किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के खिलाफ कोई आदेश पारित करने से साफ मना कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि हम कोई निर्देश नहीं देंगे, यह पुलिस से जुड़ा मामला है।

सुप्रीम कोर्ट
Photo: Times of India

केन्द्र सरकार ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों की 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को लेकर हस्तक्षेप करने के अनुरोध वाली याचिका बुधवार को उस वक्त वापस ले ली जब उच्चतम न्यायालय ने कहा कि ‘‘यह पुलिस से जुड़ा मामला है।’’ प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली निकालने से जुड़े मुद्दे से निपटने का अधिकार पुलिस के पास है।

पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई पर कहा, ‘‘हम आपको बता चुके हैं कि हम कोई निर्देश नहीं देंगे। यह पुलिस से जुड़ा मामला है। हम इसे वापस लेने की अनुमति आपको देते हैं। आपके पास आदेश जारी करने के अधिकार है, आप करिए। अदालत आदेश नहीं जारी करेगी।’’ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केन्द्र ने अपनी याचिका वापस ले ली। मामले में सुनवाई चल रही है।

गौरतलब है कि, केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को निरस्त करने और एमएसपी पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर 2020 से किसान जमे हुए हैं।

किसानों के आंदोलन और नए कृषि कानूनों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है और नए कृषि कानूनों पर किसानों की आपत्तियों का समाधान करने के लिए शीर्ष अदालत ने विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी के एक सदस्य भूपिंदर सिंह मान के अलग होने के बाद अब इसमें तीन सदस्य हैं। कमेटी को किसानों, किसान संगठनों व यूनियनों और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत कर दो महीने के भीतर अपनी सिफारिशें देनी हैं।

कड़ाके की ठंड के बाद भी विरोध-प्रदर्शन कर रहें प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि जब तक तीनों काले कानून वापस नहीं लिए जाते हम यहीं बैठे रहेंगे। उनकी मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दी जाए। किसानों ने 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) को दिल्ली में किसान परेड निकालने की चेतावनी दी है।

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