राजधानी दिल्ली में कूड़ा प्रबंधन मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (12 जुलाई) को उपराज्यपाल अनिल बैजल को जमकर फटकार लगाई। उपराज्यपाल पर बरसते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि आप (अनिल बैजल) कह रहे हैं कि हर मामले के हम प्रभारी हैं, सुपरमैन हैं। मगर लगता है कि आप कुछ करेंगे नहीं। आपको लगता है कि आपको कोई छू नहीं सकता, क्योंकि आप संवैधानिक पद पर हैं। जब कोई काम आता है तो आप बस पास कर देते हैं कि ये उसकी जिम्मेदारी है। शीर्ष अदालत ने उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा तैयार, ठोस कचरा प्रबंधन पर राज्य की नीति को ‘‘अव्यावहारिक’’ बताया।
जनसत्ता के मुताबिक दरअसल उपराज्यपाल बैजल ने कोर्ट से कहा था कि कूड़ा निस्तारण की जिम्मेदारी नगरीय इकाई की है और वह उसकी निगरानी के इंचार्ज हैं। सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी कॉलिन गोंजाल्वेस ने कहा कि बैठकों में उपराज्यपाल के कार्यालय से कोई भी नहीं आया। कोर्ट बस इसी बात पर नाराज हो गया और जजों ने एलजी को कहा, ”आप कहते हैं ‘मेरे पास पावर है, मैं सुपरमैंन हूं।’ लेकिन आप कुछ करते नहीं।”
NDTV के मुताबिक राज्यपाल पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपके अधिकारी मुद्दों पर मीटिंग में जाने की जहमत नहीं उठाते हैं। यहां तक आपको लग रहा है कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कुछ नहीं हैं, जो कुछ हूं मैं हूं। आपके अफसर उनकी मीटिंग में नहीं जाते हैं। जाहिर है एलजी यह सोचते होंगे कि वह ही अथॉरिटी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि हर मामले में मुख्यमंत्री को मत घसीटिए। आपको सिंपल अंग्रेजी में ये बताना है कि कूड़े का पहाड़ कब हटाएंगे?
अदालत ने पूछा कि हलफनामे में LG ने अधिकार और ज़िम्मेदारी की बात की है। कचरे और साफ-सफाई के मामले में उनकी जिम्मेदारी है या नहीं? हां या ना? इस पर एलजी की ओर से ASG पिंकी आनन्द ने कहा- हां! LG को डायरेक्शन जारी करने का अधिकार 487 के तहत है। इसके बाद कोर्ट ने पूछा कितने निर्देश जारी किए? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस याचिका को 2015 से सुन रहे हैं। लग रहा है कि आगे भी तीन साल लग जाएंगे।
शीर्ष अदालत ने दिल्ली के उपराज्यपाल को आड़े हाथों लेते हुये कहा कि 25 बैठकों के बावजूद शहर में ‘‘कूड़े के पहाड़’’ हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप 25 बैठक करते हैं या 50 कप चाय पीते हैं, इससे हमें मतलब नहीं है। सुनवाई के दौरान LG की ओर से हलफनामे में कहा गया कि पूर्वी दिल्ली में गाजीपुर, दक्षिणी दिल्ली में ओखला और उत्तरी दिल्ली में भलस्वा लैंडफिल साइट्स हैं. उपराज्यपाल अपने स्तर पर लगातार बैठकें कर रहे हैं।


















