राफेल मामला: सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को अपनी टिप्पणियों के बारे में एक और हलफनामा दाखिल करने का दिया अवसर

0

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उनकी कथित अपमानजनक ‘‘चौकीदार चोर है’’ टिप्पणियों को गलत तरीके से शीर्ष अदालत के हवाले से बताने के मामले में मंगलवार (30 अप्रैल) को एक और हलफनामा दाखिल करने का अवसर दिया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद मीनाक्षी लेखी ने राफेल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राहुल गांधी की टिप्पणी के बाद उनके खिलाफ अवमानना का मुकदमा दायर किया है। न्यायालय ने राहुल गांधी की टिप्पणी ‘चौकीदार चोर है’ को लेकर उनके खिलाफ 23 अप्रैल को आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी किया था।

(PTI file photo)

समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा के मुताबिक, मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ के समक्ष राहुल गांधी ने अपने वकील के माध्यम से स्वीकार किया कि इस टिप्पणी को शीर्ष अदालत के नाम से बताकर उन्होंने गलती की।

प्रधान न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि हलफनामे में एक जगह कांग्रेस नेता ने अपनी गलती स्वीकार की है, लेकिन एक अन्य जगह कोई भी अपमानजनक टिप्पणी करने से इंकार किया है। पीठ ने कहा, ‘‘हमें यह समझने में बहुत अधिक दिक्कत हो रही है कि हलफनामे में आप कहना क्या चाहते हैं।’’ न्यायालय ने गांधी के वकील से कहा कि हलफनामे में बताए गए राजनीतिक रूख से उसका कोई लेना देना नहीं है।

राहुल गांधी ने कहा कि हलफनामे में प्रयुक्त खेद शब्द उन टिप्पणियों के लिए क्षमायाचना जैसा है जो गलत तरीके से शीर्ष अदालत के नाम से बताई गई थीं, जबकि उसने ऐसा कभी कहा ही नहीं था। बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने इन टिप्पणियों के लिए ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए याचिका दायर की है। लेखी ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर तरह की अवमानना है। न्यायालय ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक अवमानना की याचिका की सुनवाई छह मई के लिए सूचीबद्ध कर दी।

जता चुके हैं खेद

इससे पहले 22 अप्रैल को राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर राफेल मामले में शीर्ष अदालत के फैसले पर की गई अपनी टिप्पणी के लिए खेद जताया था। शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को स्पष्ट किया था कि राफेल पर उसके फैसले में ऐसा कुछ भी नहीं था जिसके हवाले से यह कहा जा सके कि ‘चौकीदार नरेंद्र मोदी चोर हैं’। राहुल गांधी ने न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए कहा था कि अब शीर्ष अदालत भी मानती है कि ‘चौकीदार चोर है।’’

शीर्ष अदालत के निर्देश पर दायर हलफनामे में गांधी ने कहा था कि उन्होंने चुनाव प्रचार के जोश में वह टिप्पणी की जिसका प्रतिद्वंद्वियों ने दुरुपयोग किया। उन्होंने कहा कि उनकी मंशा न्यायालय का सम्मान कम करने की कत्तई नहीं थी।हालांकि, गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल पर कोर्ट के फैसले का इस्तेमाल कर उनकी सरकार को क्लीन चिट मिलने का दावा किया है। (इनपुट- भाषा के साथ)

Previous articleबलात्कार मामले में आसाराम के बेटे नारायण साईं को उम्रकैद की सजा
Next articleAs expected, Election Commission says Modi’s speech provoking Hindus in Maharashtra rally did not violate Model Code of Conduct