उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर बुधवार को शोक व्यक्त करते हुए कहा कि अपना जीवन महिला उत्थान के लिए समर्पित करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
सुषमा स्वराज की मंगलवार रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया, वह 67 साल की थीं। सुषमा स्वराज के निधन से देश में शोक की लहर है। दिल का दौरा पड़ने के बाद मंगलवार रात करीब 10 बजकर 15 मिनट पर उन्हें दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए। सुषमा स्वराज के निधन पर दिल्ली सरकार ने दो दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है। राज्य में इस दो दिन तक कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा।
सुषमा स्वराज को ‘दीदी’ कहते हुए स्मृति ईरानी ने उनके अचानक निधन पर शोक जताया। ईरानी ने लिखा, ‘‘असंख्य महिला कार्यकर्ताओं की प्रेरणा दीदी का आकस्मिक निधन हम सबको स्तब्ध कर गया। आज उनके शोकाकुल परिवार के प्रति सहानुभूति व्यक्त करती हूं। एक कार्यकर्ता के नाते महिला उत्थान के प्रति अगर हम अपना जीवन समर्पित करें तो वह दीदी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।’’
असंख्य महिला कार्यकर्ताओं की प्रेरणा दीदी का आकस्मिक निधन हम सबको स्तब्ध कर गया । आज उनके शोकाकुल परिवार के प्रति सहानुभूति व्यक्त करती हूँ ।एक कार्यकर्ता के नाते महिला उत्थान के प्रति अगर हम अपना जीवन समर्पित करे तो वो दीदी के प्रति सच्ची श्रधांजलि होगी । pic.twitter.com/J7aJTCQtpm
— Smriti Z Irani (@smritiirani) August 7, 2019
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में उस घटना का जिक्र किया जब स्वराज ने अपनी बेटी बांसुरी से कहा था कि वह एक रेस्तरां चुनें जहां वे तीनों के खाने पर जा सकें। उन्होंने ट्वीट किया कि, “दीदी! मुझे आपसे एक शिकायत है। आपने बांसुरी को हमारे लिए एक रेस्तरां चुनने को कहा था, ताकि हम जीत का जश्न मना सकें। आप हम दोनों से किया वादा पूरा किए बिना ही चली गईं।”
I have an axe to grind with you Didi . You made Bansuri pick a restaurant to take me for a celebratory lunch. You left without fulfilling your promise to the two of us.
— Smriti Z Irani (@smritiirani) August 6, 2019
सुषमा स्वराज मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री थीं। वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रही थीं। 16वीं लोकसभा में वह मध्य प्रदेश के विदिशा से सांसद चुनी गई थीं। लेकिन इस बार उन्होंने खराब स्वास्थ्य की वजह से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। विदेश मंत्री रहते हुए वह सोशल मीडिया पर शिकायतों को सुनने और उनके निपटारे के लिए काफी लोकप्रिय थीं।