राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर विवेक अग्निहोत्री की विवादित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के जरिए घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन को लेकर ‘दुष्प्रचार’ फैला कर देश में ‘जहरीला माहौल’ उत्पन्न करने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा।

पवार ने दिल्ली प्रदेश राकांपा के अल्पसंख्यक विभाग के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इन फिल्मों को प्रदर्शन के लिए मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए थी। मगर इसे कर रियायत दी गई है और जिन लोगों के पास देश को एक रखने की जिम्मेदारी है, वे लोगों को ऐसी फिल्म देखने को कह रहे हैं जिससे लोगों में गुस्सा भड़के।’’
पवार ने कहा कि यह सच है कि कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़नी पड़ी थी लेकिन मुसलमानों को भी उसी तरह से निशाना बनाया गया था। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह कश्मीरी पंडितों और मुसलमानों पर हमले के लिए जिम्मेदार हैं।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार सच में कश्मीरी पंडितों की परवाह करती है तो उसे उनके पुनर्वास के लिए हर कोशिश करनी चाहिए और अल्पसंखकों को लेकर उनके मन में गुस्सा नहीं भड़काना चाहिए।
राकांपा प्रमुख ने चर्चा में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को घसीटने के लिए भी भाजपा को निशाने पर लिया और कहा कि कश्मीरी पंडितों को तब घाटी छोड़नी पड़ी थी जब विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री थे।
उन्होंने कहा, “वी पी सिंह की सरकार का समर्थन भाजपा कर रही थी। मुफ्ती मोहम्मद सईद गृह मंत्री थे और जगमोहन जिन्होंने बाद में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा, वह जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे।”
पवार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के तबके मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने जगमोहन के साथ मतभेदों को लेकर पद छोड़ दिया था और वह राज्यपाल थे जिन्होंने कश्मीरी पंडितों की कश्मीर घाटी से निकलने में मदद की।
उन्होंने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म पर टिप्पणी के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निशाना बनाने के लिए भी भाजपा की आलोचना की। पवार ने कहा, “राजनीतिक आंदोलनों का स्वागत है, लेकिन अल्पसंख्यकों के बारे में बोलने पर केजरीवाल की आलोचना की गई। भाजपा देश को एक अलग मार्ग पर ले जा रही है। वह देश की एकता को नष्ट कर रही है।”
दिल्ली में पिछले तीन साल में राकांपा का यह दूसरा कार्यक्रम था। पार्टी राष्ट्रीय राजधानी में 10 जून को अपना स्थापना दिवस मनाने के लिए एक बड़ी सभा करने की भी योजना बना रही है। (इंपुट: भाषा के साथ)
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