आज(26 जून) देशभर में पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ ईद का त्योहार मनाया जा रहा है। यह त्यौहार मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए पाक(पवित्र) होता है। ईद के दिन मुसलमान भाई नए कपड़े पहनकर नमाज अदा करते हैं। साथ ही इस दिन लजीज पकवान बनाए जाते हैं।
हालांकि, उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी के मंडुवाडीह इलाके की रहने वाली शबाना के घर ईद की कोई तैयारी नहीं थी। उनके परिवार में किसी के पास नए कपड़े नहीं थे, क्योंकि शबाना के घर की माली हालत ऐसी नहीं थी कि ईद की तैयारी कर सकती।
मंडुआडीह थाना अंतर्गत शिवदासपुर निवासी बिना मां-बाप की उदास शबाना ने जिले के जिलाधिकारी को एक मार्मिक पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई। शबाना ने लिखा- ‘डीएम सर, नमस्ते! मेरा नाम शबाना है और मुझे आपकी थोड़ी सी हेल्प की जरूरत है। सर सबसे बड़ा त्यौहार ईद है। सब लोग नए कपड़े पहनेंगे, लेकिन हमारे परिवार में किसी का भी कपड़ा नहीं आया। मेरे माता-पिता नहीं है। 2004 में इंतकाल हो चुका है। मेरे घर में मैं और मेरी नानी और छोटा भाई है सर।…’
शबाना का यह मार्मिक मैसेज जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र को उनके मोबाइल पर रविवार(25 जून) को मिला। दिल को झकझोर देने वाले इस मार्मिक मैसेज को पढ़ते ही जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र ने शबाना को बेहतरीन ईदी देने का मन बना लिया।
जिलाधिकारी ने फौरन उप जिलाधिकारी सदर सुशील कुमार गौड़ को तलब किया और निर्देशित किया कि सोमवार को ईद है, इसलिए वह आज ही रविवार को उनकी ओर से शबाना और उसकी नानी और छोटे भाई को नए कपड़े, मिठाइयां और ईद की सेवई के लिए पैसे तत्काल पहुंचाएं।
जिसके बाद उप जिलाधिकारी ने आनन-फानन में शबाना के लिए सलवार-सूट, उसकी नानी के लिए साड़ी एवं उसके छोटे भाई के लिए जींस का पैंट और टीशर्ट उपहार के रूप में पैक कराते हुए, मिठाइयां लेकर उसके घर पहुंच गए। इतने अधिकारियों को घर पर आया देख शबाना डर गई, लेकिन जब पता चला कि उसके मैसेज को देखकर जिलाधिकारी ने उसके लिये ईदी भेजी है तो उसके खुशी का ठिकाना ना रहा।
शबाना को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि जिलाधिकारी को मोबाइल मैसेज भेजने का यह असर होगा। उसकी आंख से खुशी के आंसू छलक पड़े। अधिकारियों के आने की जानकारी पर आसपास के लोग वहां पहुंच गए। सभी ने जिलाधिकारी के व्यवहार की सराहना की और बधाइयां दी।