प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने मीडिया समूह एनडीटीवी पर सेबी द्वारा लगाये गये 2 करोड़ रुपये के जुर्माने को बुधवार को बरकरार रखा। सेबी ने कंपनी पर 450 करोड़ रुपये की कर मांग से जुड़ी सूचनाएं सार्वजनिक करने में खामी बरते जाने को लेकर एनडीटीवी पर जुर्माना लगाया था।
हालांकि, बाद में चैनल ने एक बयान जारी कर कहा गया कि वह SAT के फैसले को चुनौती देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का रुख करेगा। इसमें कहा गया है, “एनडीटीवी सुप्रीम कोर्ट से अपील कर रहा है कि कंपनी का मानना है कि सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल या सैट द्वारा गलत आदेश है।”
न्यायाधिकरण ने कंपनी के साथ उसके प्रवर्तक प्रणॉय रॉय और राधिका रॉय समेत तीन अधिकारियों पर सेबी की ओर से लगाए गए 19 लाख रुपये के जुर्माने को भी कायम रखा है। सैट ने हालांकि कहा है कि सूचीबद्धता समझौते के उल्लंघन के लिए कंपनी के अनुपालन अधिकारी अनूप सिंह जुनेजा पर लगाया गया दो लाख रुपये का जुर्माना उचित नहीं है।
अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश के मुताबिक, जुनेजा भेदिया कारोबार नियमों के तहत एक लाख रुपये का जुर्माना देने के लिए उत्तरदायी है। न्यायाधिकरण का यह फैसला एनडीटीवी की ओर से दायर अपील पर आया है। एनडीटीवी ने सेबी के जून 2015 और मार्च 2018 के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी। कंपनी ने आयकर विभाग द्वारा की गई 450 करोड़ रुपये की कर मांग और कंपनी के शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों द्वारा की गई शेयरों की बिक्री संबंधी सूचनाएं शेयर बाजारों को देने में देरी की थी।
इसी मामले में सेबी ने जुर्माना लगाया था। सेबी ने 2015 में कंपनी पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इसी मामले में मार्च 2018 में भी एनडीटीवी और उसके चार अधिकारियों पर 22 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। (इंपुट: भाषा के साथ)