महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर भगवा सहयोगी दलों शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच चल रही जबरदस्त रस्साकशी के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने गुरुवार को राकांपा प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की जिससे राज्य में सरकार बनाने के एक नए विकल्प को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।

समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना के सूत्रों ने बताया कि संजय राउत ने शरद पवार के दक्षिणी मुंबई स्थित आवास पर उनसे मुलाकात की। इन दोनों नेताओं के बीच मुलाकात में क्या विचार विमर्श हुआ, इस बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है। किंतु इस मुलाकात ने राज्य में गैर भाजपा सरकार के गठन संबंधी विकल्प को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री को लेकर रस्साकशी काफी तेज हो गई है।
गौरतलब है कि, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी सत्ता के बंटवारे में 50-50 के फार्मूले पर अड़ी हुई है, जिसके तहत दोनों पार्टियों के पास ढाई-ढाई साल तक मुख्यमंत्री पद रहेगा। महाराष्ट्र में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था। शिवसेना राज्य में सत्ता के आधे बंटवारे के साथ ही ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग कर रही है, जिसे लेकर उसके और भाजपा के बीच खींचतान जारी है।
महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 105 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। वहीं, शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं। राज्य में सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत 145 है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के दिन 24 अक्तूबर को भी राउत ने पवार से मुलाकात की थी किंतु शिवसेना सांसद ने इस ‘‘निजी’’ मुलाकात करार दिया था।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे यह दावा करते आए हैं कि 2019 के चुनाव से पहले उनके, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और भाजपा प्रमुख अमित शाह के बीच हुई बैठक में एक फार्मूले पर सहमति बनी थी। इसके तहत तय हुआ था कि मुख्यमंत्री पद बारी बारी से दोनों पार्टियों को दिया जाएगा। बहरहाल, भाजपा ने ऐसे किसी भी फार्मूले से स्पष्ट तौर पर मना किया है। पार्टी इस बात पर शुरू से बल देती आ रही है कि अगले पांच वर्ष तक फडणवीस ही मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे।