अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम में बदलाव के विरोध में सोमवार (2 अप्रैल) को आहूत ‘भारत बंद’ बेहद हिंसक हो गया। देश के अलग-अलग राज्यों में करीब 11 लोगों की जान चली गई, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। सुबह से ही आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव की खबरें देश के कई राज्यों से आती रहीं। बंद समर्थकों ने यातायात पर भी अपना गुस्सा उतारा। कहीं ट्रेनें रोकी गईं तो कहीं बसों को आग के हवाले कर दिया गया।इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस के कामकाज को लेकर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, नोएडा पुलिस ने भारत बंद के दौरान सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) विचारक और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राकेश सिन्हा को हिरासत में लिया। हैरानी की बात यह है कि नोएडा पुलिस ने उन्हें दलित प्रदर्शनकारी समझकर उस वक्त हिरासत में लिया जब वे एक न्यूज चैनल की डिबेट से हिस्सा लेने जा रहे थे।
राकेश सिन्हा ने खुद इसकी जानकारी ट्वीट कर दी है। उन्होंने लिखा है कि, “नोएडा पुलिस (सीएनएन 18 स्टूडियो के गेट से) एसएचओ अनिल कुमार के शाही नेतृत्व में जबरन पुलिस की गाड़ी में बैठाकर ले गई। उनका व्यवहार अशोभनीय था। धमकी भरा था। भीड़ जुटने पर 500 मीटर दूर जाकर छोड़ा। बाद में सफाई दी कि मुझे दलित ऐक्टविस्ट समझ बैठे।”
नॉएडा पुलिस @CNNnews18 studio के गेट sho अनिल कुमार शाही के नेतृत्व में ज़बरन पुलिस गाड़ी में बैठाकर ले गयी .उनका व्यवहार अशोभनिया था .धमकी भरा था .भीड़ जुटने पर 500 मीटर दूर जाकर छोड़ा.बाद में सफ़ाई दी मुझे दलित ऐक्टिविस्ट समझ बैठे @myogiadityanath @narendramodi
— Prof Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) April 2, 2018
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, बाद में पुलिस ने राकेश सिन्हा की बात सुनी और वापस उन्हें स्टूडियो छोड़ा गया। इलाके के एसएचओ ने इस बर्ताव के लिए माफी मांगी है। नोएडा सेक्टर-20 पुलिस स्टेशन के एसएचओ अनिल कुमार ने बताया कि, “पुलिस प्रदर्शनकारियों को खोज रही थी, तब फिल्म सिटी में राकेश सिन्हा को देखा, जिन्हें गलती से प्रदर्शनकारी समझ कर उठा लिया। जैसे ही गलती का अहसास हुआ, उन्हें छोड़ दिया गया।”
राकेश सिन्हा ने कहा कि, ‘पुलिस ने बताया कि उन्होंने मुझे दलित प्रदर्शनकारी समझ कर पकड़ लिया था। मैं पुलिस से अपील करता हूं कि वो मानवाधिकारों और एक व्यक्ति की इज्जत का ख्याल जरूर रखें।’ बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी एक्ट के तहत तत्काल गिरफ्तारी पर रोक के फैसले के खिलाफ सोमवार को कई संगठनों द्वारा बुलाए गए ‘भारत बंद’ प्रदर्शन के तहत देश के अनेक राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हुए।