स्वीडन में शुक्रवार रात को सैकड़ों लोग दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के खिलाफ सड़कों पर उतर आए, जिससे शहर में दंगे भड़क उठे। ख़बरों के मुताबिक, दक्षिणपंथियों ने पहले कुरान को जला दिया था जिसके बाद नाराज लोगों ने आक्रामक विरोध प्रदर्शन किया।
दरअसल, दक्षिण स्वीडन के माल्मो शहर में 300 लोग इस्लाम विरोधी गतिविधियों का विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए। बताया जा रहा कि पहले दिन में दक्षिणपंथी चरमपंथियों द्वारा कुरान की प्रति को जलाया गया था, जिसके विरोध में प्रदर्शन हुआ। इसके बाद दंगा इस कदर भड़का कि कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पत्थर फेंके और कार के टायर में आग लगा दी। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि सड़कों पर टायर जालाए जा रहे हैं और मालम शहर में धुआं ही धुआं है।
पुलिस ने कहा कि दिन में दक्षिणपंथी चरमपंथियों द्वारा माल्मो में कुरान की एक प्रति जला दी गई थी। जिसके बाद यह दंगा भड़का। पुलिस ने कहा कि दंगाइयों ने पुलिस और आपातकालीन सेवाओं की गाड़ियों में भी आग लगा दी। पुलिस के मुताबिक, अभी तक दंगा पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया गया है और हम इस पर नियंत्रण पाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं।
They are burning tires, polluting the whole area. These are the immigrants living in Malmo.
It never used to happen here, Sweden was a beautiful & peaceful place. pic.twitter.com/DVxYCQrbTa
— Nora Armstrong?? (@NoraVerystrong) August 29, 2020
पुलिस ने कहा कि यह प्रदर्शन उसी स्थान पर हुआ था, जहां कुरान की प्रति जलाई गई थी। इसलिए यह मामला एक दूसरे से जुड़ता नजर आ रहा है। एक समाचार पत्र ने कहा कि शुक्रवार को कई इस्लाम विरोधी गतिविधियां हुईं, जिनमें तीन लोगों ने एक सार्वजनिक चौक पर कुरान की एक प्रति को लात मारने की भी घटना है।
समाचार पत्र के मुताबिक, स्वीडन के राजनीतिक नेता रमसुस पालुदन को माल्मो में मीटिंग की इजाजत नहीं मिलने के बाद दंगा भड़क गया। प्रशासन को शक था कि उनके आने से स्वीडन में कानून को तोड़ा जाएगा और सामाजिक शांति को नुकसान पहुंचेगा। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
Peacefuls in #Sweden spreading msg of peace pic.twitter.com/ryVddyiOoa
— #AllLivesMatter (@ExSecular) August 29, 2020
हालांकि, उन्हें गिरफ्तार किए जाने के बाद गुस्साए समर्थकों ने रैली के दौरान कुरान को जला दिया। इसके आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।