भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि जब तक तीन नए कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन के 100 दिन पूरे होने के मौके पर मुजफ्फरनगर के रामराज कस्बे में आयोजित कार्यक्रम में टिकैत ने यह कहा।

राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानून पूरी तरह से वापस लिए जाएं और जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने इस मौके पर टैक्टर रैली को रवाना किया। उन्होंने बताया कि यह रैली उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के जिलों में जाएगी और 27 मार्च को गाजीपुर में किसानों के प्रदर्शन स्थल पर पहुंचेगी।
इस बीच, मुजफ्फरनगर से सांसद एवं केंद्रीय मंत्री संजीव बालयान ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के लिए लाभकारी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कृषि कानूनों के कारण यदि एक भी किसान की जमीन ली गई तो मैं संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगा। ये कानून किसानों की इच्छा के मुताबिक ही लागू किए गए हैं।’’
उल्लेखनीय है कि, नवंबर माह के अंत से दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन को लगभग हर तरफ से समर्थन मिल रहा है। विरोध कर रहे किसानों के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार विपक्ष के साथ-साथ अपनी सहयोगी पार्टियों के भी निशाने पर आ गई है।
कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अंदरूनी इलाकों से आए हजारों किसान देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से डटे हुए हैं। किसानों की मांग है कि, सरकार इन कृषि कानूनों को वापस लें। (इंपुट: भाषा के साथ)