“गरीबों के बैंक खाते में रुपये डाले केंद्र सरकार”: प्रवासी मजदूरों के पलायन पर राहुल-प्रियंका गांधी की मांग

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने लॉकडाउन के कारण घर वापसी को मजबूर प्रवासी श्रमिकों के साथ सरकार को जिम्मेदारी से पेश आने की सलाह देते हुए मंगलवार को कहा कि उन्हें आर्थिक दिक्कत नहीं हो इसलिए उनके बैंक खातों में तत्काल छह हजार रुपये जमा कराए जाने चाहिए।

पलायन

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, “प्रवासी श्रमिक एक बार फिर पलायन कर रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी बनती है कि उनके बैंक खातों में रुपए डाले। लेकिन कोरोना फैलाने के लिए जनता को दोष देने वाली सरकार क्या ऐसा जन सहायक क़दम उठाएगी।”

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्वीट में लिखा, “कोविड की भयावहता देखकर ये तो स्पष्ट था कि सरकार को लॉकडाउन जैसे कड़े कदम उठाने पड़ेंगे लेकिन प्रवासी श्रमिकों को एक बार फिर उनके हाल पर छोड़ दिया। क्या यही आपकी योजना है? नीतियां ऐसी हों जो सबका ख्याल रखें। गरीबों, श्रमिकों, रेहड़ी वालों को नकद मदद वक्त की मांग है। कृपया ये करिए।”

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सरकार विपक्ष के नेताओ की बात नहीं सुनती और उनके सुझाव का मज़ाक उड़ाती है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष फ़रवरी में जब श्री गाँधी ने कोरोना महामारी के बारे में चेताया तो सरकार ने पहले मज़ाक उड़ाया और नमस्ते ट्रम्प मना कर मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार को जबरन गिराया। फिर बग़ैर बताए घातक लॉकडाउन लगाया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने फिर चेताया कि बगैर इंतजाम लॉकडाउन से गरीब मज़दूरों का क्या होगा। सरकार ने फिर से एक न सुनी और इसका नतीजा यह रहा कि देश को आजादी के बाद की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी का मंजर देखने को मिला। कांग्रेस ने प्रवासी मजदूरों का रेल भाड़ा जमा करवाया और बसों का इंतज़ाम करवाया तो उसका भी पहले मजाक उड़ाया फिर जा कर कहीं-कहीं रेल का इंतजाम करवाया गया।

प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि पिछले एक साल में कोरोना टैक्स के नाम पर जनता को लूटा गया लेकिन न अस्पताल, न डॉक्टर, न वेंटिलेटर, न वैक्सीन और न दवाई उपलब्ध करवाई और न ही 6,000 रुपये की राशि खाते में जमा कराई।

गौरतलब है कि, दिल्ली में 6 दिनों के लॉकडाउन के बाद एक बार फिर प्रवासी मजदूरों ने बड़े पैमाने पर दिल्ली से वापस लौटना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लॉकडाउन का ऐलान जैसे किया, उसके बाद से आनंद विहार बस अड्डे से अपने-अपने शहरों की ओर लौटने वाले मजदूरों का रेला लग रहा है। दिल्ली के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात से भी मजदूर वापस लौट रहे हैं।

मजदूरों की एक ही शिकायत है कि काफी मुश्किल से काम शुरू हो पाया था, लेकिन फिर लॉकडाउन लग गया है। ऐसे में पिछली बार की तरह ये लॉकडाउन फिर से बढ़ाया जाए, इसलिए वक्त रहते ही घर जाना सही होगा। (इंपुट: भाषा के साथ)

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