पीएम मोदी से कम फॉलोअर्स होने के बावजूद राहुल गांधी के हिन्‍दी ट्वीट होते हैं सबसे ज्‍यादा रिट्वीट, रिसर्च में खुलासा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले राजनेताओं में से एक हैं, इसके अलावा भारत में सबसे ज्यादा फॉलोवर्स की संख्या भी उनके पास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर हैंडल @narendramodi पर 44 मिलियन फॉलोअर्स है। वहीं, देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के अध्‍यक्ष राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल @RahulGandhi पर 7.67 मिलियन फॉलोअर्स है। इसका मतलब फॉलोअर्स की संख्या में राहुल गांधी, पीएम मोदी ने बहुत पीछे है।

File Photo: REUTERS

लेकिन उसके बावजूद पीएम मोदी के मुकाबले राहुल गांधी ट्विटर पर छाए हुए हैं। एक रिसर्च के मुताबिक, राहुल गांधी के ट्वीट पीएम मोदी के मुकाबले ज्‍यादा रिट्वीट हुए हैं और इस कामयाबी का श्रेय हमारी भाषा ‘हिन्‍दी’ को जाता है। इस बात का खुलासा, मिशिगन यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में सामने आई है।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, मिशिगन यूनिवर्सिटी की रिसर्च के अनुसार भारत में अंग्रेजी की तुलना में हिन्‍दी भाषा में किए गए ट्वीट के शेयर होने की संभावना काफी ज्‍यादा रहती है। मिशिगन यूनिवर्सिटी के स्‍कूल ऑफ इंफॉर्मेशन में बतौर असिस्‍टेंट प्रोफेसर काम कर रहे जॉयोजीत पॉल और पीएचडी स्‍टूडेंट लिया बोजार्ट ने इस रिसर्च को अंजाम तक पहुंचाया।

रिसर्च के मुताबिक जनवरी 2018 से अप्रैल 2018 के बीच भारतीय राजनेताओं के जिन 15 ट्वीट्स को सबसे ज्‍यादा रिट्वीट किया गया उनमें से 11 हिन्‍दी भाषा में थे। इस स्‍टडी के लिए पाल और बोजार्ट ने 274 राजनेताओं और उनके राजनीतिक ट्विटर एकाउंट का विश्‍लेषण किया। इस स्‍टडी में उन्‍हीं राजनेताओं के एकाउंट को शामिल किया गया जिनकी पार्टी में पोजिशन या पोस्‍ट थी और जिनके 50 हजार से ज्‍यादा फॉलोवर्स थे।

रिसर्च में यह बात सामने आई कि भले ही पीएम मोदी ऑनलाइन फॉलोइंग के मामले में सबसे आगे हों, लेकिन राहुल गांधी के ट्वीट्स को सबसे ज्‍यादा रिट्वीट किया गया है। पाल के मुताबिक, ‘राहुल गांधी के ट्वीट्स की लोकप्रियता की वजह यह हो सकती है कि वे काफी आक्रामक होते हैं, वह अपने ट्वीट में वन-लाइनर्स का इस्‍तेमाल करते हैं। शब्‍दों के साथ खेलते हैं और तुकबंदी भी करते हैं, यही नहीं उनके ज्‍यादातर ट्वीट्स हिन्‍दी भाषा में होते हैं।’

शोधकर्ताओं का कहना है कि अंग्रेजी की तुलना में स्‍थानीय भाषाओं में भावनाओं का इज़हार ज्‍यादा अच्‍छे से हो पाता है। उनके मुताबिक, ‘जिन ट्वीट्स को सबसे ज्‍यादा रिट्वीट किया गया उनमें कटाक्ष भी था और अपमानजनक बातें भी थीं।’

हालांकि शोधकर्ता यह भी मानते हैं कि अभी भाषा के कुल प्रभाव के बारे में कहना जल्‍दबाजी होगी लेकिन कुछ ट्रेंड जरूर बन गए हैं- साल 2016 के बाद से राजनीतिक पार्टियों के लिए हिन्‍दी ट्वीट ज्‍यादा अच्‍छा काम करते हैं। साथ ही गैर-हिन्‍दी ट्वीट्स की पहुंच और प्रभाव वैसा नहीं है जैसा हिन्‍दी या अंग्रेजी के ट्वीट्स का होता है।

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