कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आंदोलनजीवी’ वाले बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो देश बेच रहे हैं वो क्रोनी-जीवी हैं।

बता दें कि, पीएम मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान विरोध प्रदर्शनों को लेकर ‘आंदोलनजीवी’ शब्द का उपयोग किया था। जिसपर पटलवार करते हुए राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा, “Crony-जीवी है जो देश बेच रहा है वो।”
Crony-जीवी है जो
देश बेच रहा है वो।#PSU_PSB_Sale— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 10, 2021
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने भी पीएम मोदी के इस बयान पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि उन्हें आंदोलनजीवी होने पर गर्व है। पी चिदंबरम ने बुधवार को एक ट्वीट कर कहा, “मुझे आंदोलनजीवी होने पर गर्व है। सर्वोत्कृष्ट (सबसे अच्छे) आंदोलनजीवी महात्मा गांधी थे।”
I am a proud andolan jeevi. The quintessential andolan jeevi was Mahatma Gandhi.#iamanandolanjeevi
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 10, 2021
पीएम मोदी के इस बयान के बाद कई कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपने नाम के आगे ‘आंदोलनजीवी’ लिखने लगे हैं। गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने ट्विटर बायो में अपना नाम ‘आंदोलनजीवी हार्दिक पटेल’ कर लिया है।
कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने पीएम नरेंद्र मोदी को घेरते हुए उनके आंदोलनजीवी वाले बयान को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अपमान बताया। पटेल ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘हम सबके प्रिय पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी आंदोलन के दौरान संसद तक बैलगाड़ी से जाया करते थे, आज मोदी जी ने उन्हें भी आंदोलनजीवी कह दिया, अटल जी का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान।’
हम सब के प्रिय पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी आंदोलन के दौरान संसद तक बैलगाड़ी से जाया करते थे, आज मोदी जी ने उन्हें भी आंदोलनजीवी कह दिया। अटल जी का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान।
— Andolanajeevi Hardik Patel (@HardikPatel_) February 9, 2021
बता दें कि, पीएम मोदी ने कहा था कि देश में आंदोलनकारियों की नई नस्ल ‘आंदोलनजीवी’ पैदा हो गई है जो बिना किसी हंगामे के नहीं रह सकती। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए इस विरोध प्रदर्शन को समर्थन देने वाले लोगों पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि देश को उनसे सावधान रहना चाहिए।
उन्होंने कहा, “देश में आंदोलनकारियों की नई नस्ल ‘आंदोलनजीवी’ पैदा हो गई है जो बिना किसी हंगामे के नहीं रह सकती। वे एक नया आंदोलन शुरू करने के तरीकों की तलाश करते हैं। इस देश को ऐसे आंदोलनजीवियों से बचने की जरूरत है।”