कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के नेता और पूर्व विधान परिषद सदस्य नसीब पठान के निधन पर सोमवार को दुख जताया और उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर उन्हें नमन किया है इसके साथ ही उन्होंने एक वीडियो भी ट्वीट किया। ये वीडियो नसीब पठान का है, जो उन्होंने अस्पताल में रिकॉर्ड किया था।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश से कांग्रेस के नेता एवं पूर्व विधान परिषद सदस्य नसीब पठान साहब का कोरोना से निधन हो गया। उनके परिवार को मेरी संवेदनाएं।’’ उन्होंने पठान के निधन से पहले रिकॉर्ड किए उनके संदेश वाला एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, ‘‘जाते-जाते नसीब साहब ने एक बेहद महत्वपूर्ण संदेश दिया है। इसे आपके साथ साझा करते हुए उन्हें दिल से श्रद्धांजलि।’’ इस वीडियो में पठान हाथरस मामले की पृष्ठभूमि में अपनी बात रखते सुने जा सकते हैं।
गौरतलब है कि, कोरोना वायरस से संक्रमित पठान का रविवार को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वह 65 वर्ष के थे। वह दो बार उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य और एक बार विधान परिषद में कांग्रेस दल के नेता रहे थे।
उत्तर प्रदेश से कांग्रेस के नेता पूर्व विधान परिषद सदस्य और CLP अध्यक्ष नसीब पठान साहब का कोरोना से निधन हो गया। उनके परिवार को मेरी संवेदनाएँ।
जाते-जाते नसीब साहब ने एक बेहद महत्वपूर्ण संदेश दिया है। इसे आपके साथ साझा करते हुए उन्हें दिल से श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/jOrtU6Ohx7
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 5, 2020
नसीब पठान ने अपने वीडियो संदेश में हाथरस की घटना का जिक्र किया है। उन्होंने पूरी घटना को लेकर पुलिस-प्रशासन और सरकार के रवैये पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने वीडियो संदेश में कहा, जिस तरह से कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी और उनके साथ मौजूद वरिष्ठ लोगों, यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू जी के साथ पुलिस ने अन्याय और अत्याचार किया वह ठीक नहीं है। मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था, क्योंकि मैं 30 तारीख से कोरोना से ग्रसित गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती था।”
नसीब पठान ने अपने वीडियो संदेश में हाथरस की घटना का जिक्र करते हुए कहा, “जिस तरह हाथरस की वाल्मीकि समाज की उस बच्ची के साथ अन्याय हुआ। उसके बाद इस प्रदेश के मुख्यमंत्री किसी को वहां जाने से क्यों रोक रहे हैं। पूरे दिन मीडिया के लोग संघर्ष करते, लेकिन उन्हें नहीं जाने दिया गया। डीएम वहां जाकर उनके परिवार से कहते हैं कि यह लोग चले जाएंगे। हमें और तुम्हें यहां रहना है। लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज को दबाना बहुत ही खतरनाक लक्ष्ण हैं। यह सरकार के जाने के लक्ष्ण हैं। इस तरह के लक्ष्ण प्रदेश और देश बर्दाश्त नहीं करता है।”