कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे में ‘ऑफसेट साझेदार’ के संदर्भ में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के कथित बयान को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि मोदी और उद्योगपति अनिल अंबानी ने भारतीय रक्षा बलों पर 130,000 करोड़ रुपये की ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की है।
file Photo: The Indian Expressकांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार(22 सितंबर) को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘प्रधानमंत्री और अनिल अंबानी ने मिलकर भारतीय रक्षा बलों पर 130,000 करोड़ रुपये की सर्जिकल स्ट्राइक की है।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘मोदी जी आपने हमारे शहीदों के खून का अपमान किया है। आपको शर्म आनी चाहिए। आपने भारत की आत्मा से विश्वासघात किया है।’ बता दें कि राहुल गांधी ने ओलांद के कथित बयान को लेकर शुक्रवार को भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था।
The PM and Anil Ambani jointly carried out a One Hundred & Thirty Thousand Crore, SURGICAL STRIKE on the Indian Defence forces. Modi Ji you dishonoured the blood of our martyred soldiers. Shame on you. You betrayed India's soul. #Rafale
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 22, 2018
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘प्रधानमंत्री ने बंद कमरे में राफेल सौदे को लेकर बातचीत की और इसे बदलवाया। फ्रांस्वा ओलांद का धन्यवाद कि अब हमें पता चला कि उन्होंने (मोदी) दिवालिया अनिल अंबानी को अरबों डॉलर का सौदा दिलवाया। प्रधानमंत्री ने भारत के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने हमारे सैनिकों के लहू का अपमान किया है।’
The PM personally negotiated & changed the #Rafale deal behind closed doors. Thanks to François Hollande, we now know he personally delivered a deal worth billions of dollars to a bankrupt Anil Ambani.
The PM has betrayed India. He has dishonoured the blood of our soldiers.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 21, 2018
फ्रांसीसी मीडिया के मुताबिक फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कथित तौर पर कहा है कि भारत सरकार ने 58,000 करोड़ रुपए के राफेल विमान सौदे में फ्रांस की विमान बनाने वाली कंपनी दसाल्ट एविएशन के ऑफसेट साझेदार के तौर पर अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस का नाम प्रस्तावित किया था और ऐसे में फ्रांस के पास कोई विकल्प नहीं था।
फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद मोदी सरकार बैकफुट पर आ गई है। कांग्रेस से लेकर तमाम विपक्षी दलों ने इस रिपोर्ट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने हमले और तेज कर दिए। यहां तक कि पीएम मोदी के कुछ कट्टर समर्थकों ने भी स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री ओलांद की सनसनीखेज खुलासे के बाद बच निकलने के लिए संघर्ष कर रहें हैं।
फ्रांस्वा ओलांद के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति के इस बयान कि भारत सरकार ने एक खास संस्था को राफेल में दसॉल्ट एविएशन का साझीदार बनाने के लिये जोर दिया, की पुष्टि की जा रही है।’ प्रवक्ता ने यह भी कहा, ‘एक बार फिर इस बात को जोर देकर कहा जा रहा है कि इस वाणिज्यिक फैसले में न तो सरकार और न ही फ्रांसीसी सरकार की कोई भूमिका थी।’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ओलांद का बयान सीधे-सीधे उस बात का विरोधाभासी है जो अब तक मोदी सरकार कहती रही है और पूछा कि क्या करार पर ‘अहम तथ्यों को छिपाने’ से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में नहीं डाला गया? एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “प्रधान मंत्री जी सच बोलिए। देश सच जानना चाहता है। पूरा सच। रोज़ भारत सरकार के बयान झूठे साबित हो रहे हैं। लोगों को अब यक़ीन होने लगा है कि कुछ बहुत ही बड़ी गड़बड़ हुई है, वरना भारत सरकार रोज़ एक के बाद एक झूठ क्यों बोलेगी?”
दरअसल, राहुल गांधी और कांग्रेस पिछले कई महीनों से यह आरोप लगाते आ रहे हैं कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसाल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसका मूल्य पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में विमानों की दर को लेकर जो सहमति बनी थी उसकी तुलना में बहुत अधिक है। इससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। पार्टी ने यह भी दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे को बदलवाया जिससे एचएएल से ठेका लेकर रिलायंस डिफेंस को दिया गया।