नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ देश के कई राज्यों में पिछले कुछ दिनों से जमकर विरोध-प्रदर्शन हो रहे है। इस बीच, बॉलीवुड अभिनेत्री और निर्माता-निर्देशक पूजा भट्ट ने सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है।
हमेशा अपने बयानों को लेकर मीडिया की सुर्खियों में रहने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री पूजा भट्ट ने कहा कि वह अपने नेताओं से विनती करती हैं कि देश भर में उठ रही आवाजों को सुनें। पूजा भट्ट ने मुंबई में शाहीन बाग और लखनऊ में हो रहे प्रदर्शन का भी जिक्र किया। पूजा भट्ट ने कहा कि वह सीएए और एनआरसी को समर्थन नहीं करती, क्योंकि यह उनके घर को बांटता है।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक पूजा भट्ट ने कहा कि, ‘मैं हमारे नेताओं से विनती करती हूं कि देशभर में उठ रही आवाजों को सुनें। भारत की महिलाओं को, शाहीन बाग और लखनऊ की महिलाओं को… हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हमारी आवाज नहीं सुनी जाएंगी।’ पूजा भट्ट ने आगे कहा कि, ‘मैं लोगों से विनती करती हूं कि इस पर ज्यादा से ज्यादा बोलें। मैं सीएए-एनआरसी का समर्थन नहीं करती, क्योंकि यह मेरे घर को विभाजित करती है।’
अभिनेत्री पूजा भट्ट ने सोमवार को कहा कि मतभेद देशभक्ति का सर्वश्रेष्ठ स्वरूप है। उन्होंने कहा, ‘सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों से हमें यह संदेश मिलता है कि अब आवाज उठाने का वक्त आ गया है।’
Pooja Bhatt in Mumbai y'day: I implore our leaders to listen to the voices that have risen in the country. The women in India,at Shaheen Bagh&Lucknow…we'll not stop until we are heard loud&clear.I'd implore people to speak up more. I don't support CAA&NRC as it divides my house pic.twitter.com/Hm3TlJ3AdT
— ANI (@ANI) January 28, 2020
दक्षिण मुंबई के कोलाबा में सीएए-एनआरसी के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों के थीम पर आयोजित एक कार्यक्रम में कई अन्य हस्तियों के साथ पूजा भट्ट ने भी हिस्सा लिया था। कार्यक्रम का आयोजन परचम फाउंडेशन और वी द पीपल ऑफ महाराष्ट्र द्वारा किया गया था। कार्यक्रम के वक्ताओं ने बाद में सरकार के प्रतिनिधियों को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें 30 दिनों के अंदर सीएए-एनआरसी-एनपीआर पर राज्य अधिकारियों का रुख जानने की मांग की गई।
पूजा भट्ट ने कहा, ‘हमारी चुप्पी हमें नहीं बचाएगी और न ही सरकार की। सत्ता पक्ष ने वास्तव में हमें एकजुट किया है।’ उन्होंने कहा, ‘छात्र (सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं) हमें संदेश दे रहे हैं कि यह आवाज उठाने का समय है। मतभेद देशभक्ति का सबसे बड़ा रूप है।’
गौरतलब है कि, देश भर में नागरिकात संशोधन कानून का विरोध जारी है। प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि केंद्र की मोदी सरकार इस कानून को वापस ले। लेकिन मोदी सरकार अड़ी हुई है। न तो वह इस कानून को वापस ले रही है और न इसमें कोई बदलवा करने को तैयार है। (इंपुट: भाषा के साथ)