कन्हैया कुमार पर आरोप साबित करने में नाकाम रही पुलिस, नहीं मिले देश विरोधी नारे लगाने के सबूत

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नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर लगे राजद्रोह के आरोप को साबित करने में दिल्ली पुलिस नाकाम साबित हुई है। इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से तैयार चार्जशीट से इस बात का खुलासा हुआ है। आपको बता दें कि जेएनयू के पूर्व अध्‍यक्ष कन्‍हैया कुमार के खिलाफ गत वर्ष 9 फरवरी को देशद्रोह से जुडी धाराएं लगाते हुए पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

फाइल फोटो।

सूत्रों ने पुलिस के इस चार्जशीट के बारे में बताया है कि पुलिस की ओर से यह चार्जशीट के सेक्शन 121ए (देशद्रोह) और आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत तैयार की गई है। इसे दिल्ली पुलिस आयुक्त के समक्ष पेश किया गया है, जिसे मंजूर होने का इंतजार किया जा रहा है।

अंग्रेजी अखबर टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार, इस चार्जशीट में जेएनयू के छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को आरोपित किया गया है। पुलिस का कहना है कि संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु के प्रति हमदर्दी दिखाने के मकसद से खालिद के पास भारत विरोधी पोस्टर थे।

चार्जशीट में 40 वीडियो क्लिप्स की फॉरेंसिक रिपोर्ट का भी जिक्र है, जिनके जरिए यह साबित करने की कोशिश की गई है कि जेएनयू के इवेंट में भारत विरोधी नारे लगाए गए थे। हालांकि, कन्हैया के मामले में पुलिस ने जांच को अभी पूरी तरह से बंद नहीं किया है।

सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने कोर्ट के ऊपर छोड़ा है कि कन्हैया के खिलाफ आरोप तय किए जाएं या नहीं। चार्जशीट में कहीं नहीं लिखा कि कन्हैया ने भारत विरोधी नारे लगाए। हालांकि, इस बात का जिक्र जरूर है कि इस नारेबाजी या कार्यक्रम को रोकने के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया।

 

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