एक देश-एक कर के लक्ष्य वाला जीएसटी आज संसद के केन्द्रीय कक्ष में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पीएम मोदी द्वारा मध्यरात्री में घंटा बजाये जाने के साथ लागू हो गया तथा पीएम मोदी ने इस महत्वपूर्ण कर सुधार की तुलना आजादी से करते हुए कहा कि यह देश के आर्थिक एकीकरण में महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
संसद के केन्द्रीय कक्ष में मध्यरात्री हुई विशेष बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुखर्जी ने इसे ऐतिहासिक क्षण करार दिया और कहा कि यह कराधान के क्षेत्र में एक नया युग है जो कि केंद्र एवं राज्यों के बीच बनी व्यापक सहमति का परिणाम है। पीटीआई की ख़बर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दायरे के लोगों द्वारा किया गया प्रयास है जिन्होंने दलगत राजनीति को परे रखते हुए राष्ट्र को आगे रखा। साथ ही उन्होंने कहा कि यह भारत के लोकतंत्र की परिपता और बुद्धिमाा का सम्मान है।
इससे पहले समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जीएसटी सभी राजनीति दलों के सामूहिक प्रयासों की देन है। उन्होंने कहा कि यह सभी राज्यों एवं केंद्र के वर्षों तक चले विचार विमर्श का परिणाम है। उन्होंने कहा कि जीएसटी सहकारी संघवाद का एक बेहतर उदाहरण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार सरदार वल्लभ भाई पटेल ने विभिन्न रियासतों को मिलाकर भारत का एकीकरण संभव कराया था, उसी प्रकार जीएसटी के कारण देश का आर्थिक एकीकरण होगा। उन्होने कहा कि इसमें शुरूआत में थोड़ी दिक्कत आ सकती है लेकिन इसके कारण सभी वर्गों के लोगों को लाभ मिलेगा। मोदी ने देश के व्यापारी वर्ग से अपील की कि जीएसटी लागू होने से उन्हें जो लाभ होता है उसका फायदा वे गरीब तबके के लोगों तक पहुंचाएं।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने जीएसटी लागू होने की लंबी यात्रा का उल्लेख करते हुए इसमें शामिल सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि जीएसटी लागू होने से दीर्घकाल में महंगाई पर लगाम लगेगी और कर वंचना कम होगी।
संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में आजादी सहित यह चौथा ऐसा मौका है जब मध्य रात्री के समय कोई कार्यक्रम हुआ। 14 अगस्त 1947 की मध्य रात्री के अलावा, 1972 में स्वतंत्रता की रजत जयंती और 1997 में स्वर्ण जयंती के अवसर पर ऐसे कार्यक्रम हुए थे।