दिल्ली से चला एयर इंडिया का विमान जब सिडनी में उतरा तो पता चला कि उसका एक पायलट कोरोना वायरस से संक्रमित है। यह जानकारी सोमवार को एयरलाइंस के वरिष्ठ अधिकारियो ने दी। उन्होंने बताया कि पायलट शनिवार को संक्रमित पाया गया।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने कहा, ‘‘पायलट की जांच 16 जून को हुई थी और वह संक्रमित नहीं पाया गया था। इसलिए दिल्ली-सिडनी विमान में 20 जून को उसकी ड्यूटी लगाई गई। उड़ान से पहले उसका जांच फिर से लिया गया। सिडनी में विमान उतरने के बाद उसे संक्रमित पाया गया।’’ उन्होंने कहा कि पायलट और कॉकपिट के दो क्रू सदस्य को सिडनी में पृथक-वास में रखा गया है। उन्होंने कहा कि केबिन क्रू या यात्रियों को पृथक-वास में नहीं रखा गया है क्योंकि वे पायलट के संपर्क में नहीं आए थे।
एयर इंडिया के प्रोटोकॉल के मुताबिक, विमान के उड़ान पूर्व कोरोना वायरस (कोविड-19) जांच के तहत क्रू सदस्यों को उड़ान भरने के पांच दिन पहले नमूने देने के लिए निर्धारित कोविड-19 जांच केंद्र जाना जरूरी है। चूंकि पायलट 20 जून को दिल्ली-सिडनी उड़ान के चार दिन पहले नेगेटिव पाया गया था, इसलिए उसे विमान उड़ाने की अनुमति दी गई। यह स्पष्ट नहीं है कि विमान के उड़ान भरने से पहले उसने दूसरा नमूना क्यों दिया।
एअर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा कि पायलट के पास विमान संचालन करने से पहले वैध उड़ान पूर्व कोविड-19 नेगेटिव जांच रिपोर्ट है। एअर इंडिया का 20 जून का उड़ान वंदे भारत मिशन का हिस्सा था जिसके तहत केंद्र सरकार ने विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को मंजूरी दी है।
एयर इंडिया के दिल्ली से मॉस्को जा रहे एक विमान को 30 मई को उस वक्त बीच से ही लौट जाने के लिए कहा गया जब ग्राउंड टीम को एहसास हुआ कि विमान में सवार एक पायलट कोरोना वायरस से संक्रमित है।