तीन तलाक पर नया कानून नही बनाएंगी केंद्र सरकार

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सरकार ने मंगलवार(22 अगस्त) को एक बार में तीन तलाक पर किसी नये कानून की जरूरत को वस्तुत: खारिज करते हुए संकेत दिया कि घरेलू हिंसा से निपटने वाले कानून समेत मौजूदा कानून इसके लिए पर्याप्त हैं। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को अपने एक फैसले में इस प्रथा को असंवैधानिक करार दिया।

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, सरकार इस मुद्दे पर संरचनात्मक एवं व्यवस्थित तरीके से विचार करेगी। प्रथम दृष्टया इस फैसले को पढ़ने से स्पष्ट होता है कि (पांच सदस्यीय पीठ में) बहुमत ने इसे असंवैधानिक और अवैध बताया है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इस फैसले को उन लोगों के लिए बड़ी जीत करार दिया जिनका मानना है कि पर्सनल कानून प्रगतिशील होने चाहिए।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फैसला अब देश का कानून है। साथ ही अरूण जेटली ने यह भी कहा कि इस्लामी दुनिया के कई हिस्सों में तीन तलाक की प्रथा को खारिज कर दिया गया है।

यह पूछे जाने पर कि तीन तलाक पर उच्चतम न्यायालय के आदेश को किस प्रकार से लागू किया जायेगा और आदेश के अनुपालन के लिये किसी कानून की जरूरत क्यों नहीं है, भाषा की ख़बर के मुताबिक सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर कोई पति एक बार में तीन तलाक बोलता है, तो अब विवाह समाप्त नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद अगर कोई पति एक बार में तीन बार तलाक बोलता है, तो उसे वैध नहीं माना जायेगा। विवाह के प्रति उसकी जवाबदेही बनी रहेगी, पत्नी ऐसे व्यक्ति को पुलिस के समक्ष ले जाने और घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराने के लिये स्वतंत्र है।

इसके साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि इस प्रथा पर रोक के लिए दंड प्रावधान मौजूद हैं। केंद्र सभी राज्यों को एक परामर्श भेज कर उन्हें उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन सुनिश्चित करने को कहेगा। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि मंत्रालय राज्य सरकारों को उचित कार्रवाई करने और उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहेगी।

बता दें कि, मंगलवार(22 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों में से तीन जजों ने कहा था कि तीन तलाक की प्रक्रिया मनमानी और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। वहीं, चीफ जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस अब्दुल नजीर ने 6 महीने के लिए एक साथ तीन तलाक पर रोक लगाने और तमाम राजनीतिक दलों को साथ बैठकर एक कानून बनाने की सलाह दी थी।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने तीन तलाक पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि सर्वोच्च अदालत का फैसला ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि आज मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिला है। उन्होंने कहा कि अब कोई कानून बनाने की जरूरत नहीं है, ट्रिपल तलाक अवैध घोषित हो गया है।

शाहनवाज हुसैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हमारी सरकार और सभी ने एक साथ मिलकर कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा था और सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तलाक को अवैध घोषित कर दिया है।

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