लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरे कार्यकाल के लिए आज यानी गुरुवार (30 मई) को नए मंत्रिपरिषद के साथ शपथ लेंगे। मंत्री पद की शपथ ग्रहण लेने के लिए चुने गए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सभी नेता शाम साढे़ चार बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की। पीएम मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद को व्यवस्थित रूप देने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ अंतिम दौर की वार्ता की। दोनों नेताओं की यह बैठक करीब डेढ़ घंटे लंबी चली।
इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया है कि राजग में शमिल उनकी पार्टी जद (यू) मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होंगी। नीतीश ने किसी भी तरह की नाराजगी से इनकार किया है। नीतीश ने कहा कि हमने फैसला लिया है कि हम सरकार में शामिल नहीं होंगे। जदयू प्रमुख नीतीश कुमार ने कहा कि हम मोदी सरकार का हिस्सा नहीं होंगे, लेकिन हमारा गठबंधन जारी रहेगा। हम राजग का हिस्सा रहेंगे।
जानकारी के मुताबिक, जेडीयू को उम्मीद थी कि उन्हें तीन मंत्री पद मिलेगा, 2 कैबिनेट और 1 राज्य मंत्री। हालांकि, भाजपा ने केवल एक कैबिनेट मंत्री जेडीयू को ऑफर किया है, लेकिन जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। नीतीश कुमार चाहते थे कि आरसीपी सिंह और लल्लन सिंह को केंद्रीय मंत्री बनाया जाए और संतोष कुशवाहा को राज्यमंत्री का दर्जा मिले। जानकारों का मानना है कि बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर नीतीश कुमार जातिगत समीकरण बैठाने की कोशिश में लगे हैं।
बता दें कि इस लोकसभा चुनाव में बिहार में सबसे करारा झटका महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को लगा है। राजद का सूपड़ा साफ हो गया है, वहीं महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) भी चित्त हो गई। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की अभूतपूर्व 39 सीटों की जीत में जहां विपक्ष चारो खाने चित्त हो गई, वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने 100 फीसदी स्ट्राइक के साथ उसके सभी छह प्रत्याशी जीत गए। यही हाल भाजपा का रहा है, जहां उसके सभी 17 प्रत्याशी विजयी हुए।
बिहार में विजेता बनकर उभरी राजग की तरफ से भाजपा और जद (यू) ने क्रमश: 17 और 16 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, राम विलास पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की। भाजपा और लोजपा ने जहां सभी सीटों पर जीत दर्ज की, वहीं जदयू केवल एक सीट पर हारी। जबकि महागठबंधन की झोली में सिर्फ एक सीट गई है, जिसमें से बस कांग्रेस ने किशनगंज सीट पर कब्जा जमाया। वहीं, महागठबंधन में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद की पार्टी राजद इस लोकसभा चुनाव में खाता भी नहीं खोल पाई।