क्या रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल डील में लेनदेन की बात की पुष्टि कर दी है?

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राफेल विमान सौदे पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के सनसनीखेज दावे के बाद भारत में सियासी घमासान जारी है। राफेल सौदे में ‘ऑफसेट साझेदार’ के संदर्भ में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के कथित बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विपक्ष लगातार हमला बोल रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि यह ‘स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार का मामला’ है।

दरअसल, फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने मीडियापार्ट को दिए इंटरव्यू में कहा कि राफेल सौदे में रिलायंस का नाम खुद भारत सरकार ने सुझाया था। ओलांद का इंटरव्यू दुनिया के कई टीवी चैनलों पर प्रसारित होने के बाद राफेल सौदे को लेकर सरकार और विपक्ष दोनों की तरफ से प्रतिदिन आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। उनके इस बयान के बाद विपक्षी पार्टियों के आरोपों को बल मिला और उन्होंने सरकार पर हमलावर तेवर अख्तियार कर लिए है।

रक्षा मंत्री ने की लेनदेन की बात की पुष्टि?

इस बीच राफेल सौदे को लेकर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ऐसा बयान दिया है जिससे मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल शुक्रवार (29 सितंबर) को चेन्नई में रक्षा मंत्री ने सर्जिकल स्ट्राइक के दो साल पूरे होने के मौके पर भारत ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। हालांकि इस दौरान संवाददाताओं से बात करते हुए सीतारमण द्वारा दिए गए एक बयान से ऐसा लग रहा है कि जैसे उन्होंने इस बात की पुष्टि कर दिया हो कि भारत और फ्रांस के बीच राफेल सौदे पर हस्ताक्षर करने से पहले अनिल अंबानी और पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद के बीच कुछ डील हुई थी।

दरअसल, फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के सनसनीखेज दावे पर पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि देखिए ओलांद के बारे में मैं क्या बोलू…अब इसमें सच्चाई है या नहीं इसका तो पता नहीं। साथ ही उन्होंने ओलांद की पार्टनर जूली गेयेट पर लग रहे आरोपों की तरफ करते हुए इस बात का संकेत देने की कोशिश की कि शायद गेयेट पर लग रहे आरोपों की वजह से उन्होंने (ओलांद) राफेल पर सनसनीखेज बयान हो।

आपको बता दें कि अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (ADAG) के मुखिया अनिल अंबानी के रिलायंस एंटरटेनमेंट और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद की पार्टनर जूली गेयेट के बीच एक फिल्म प्रोड्यूस करने का समझौता हुआ था। रिपोर्ट के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद की पार्टनर जूली गेयेट की फर्म Rouge International (रूग इंटरनेशनल) और रिलायंस एंटरटेनमेंट ने मिलकर Tout La-Haut फिल्म का निर्माण किया था। यह एग्रीमेंट 24 जनवरी 2016 को हुआ था, जिसके ठीक दो दिन बाद ओलांद गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए भारत आए थे।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार इसी दौरे पर पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने पीएम मोदी के साथ 36 राफेल एयरक्राफ्ट के एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अनिल अंबानी की रिलायंस एंटरटेनमेंट ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि उसने फ्रेंच फिल्‍म Tout La-Haut के बजट का 15 प्रतिशत फायनेंस किया था। इस फिल्‍म की निर्माता, जूली गेयेट फ्रांस के तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति फ्रांस्‍वा ओलांद की पार्टनर हैं।

मोदी सरकार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें?

रक्षा मंत्री के इस बयान की वजह से मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। क्योंकि विपक्ष यही आरोप लगा रहा है कि रिलायंस ने राफेल का सौदा फाइनल कराने के लिए ओलांद के पार्टनर की फिल्म के लिए फाइनेंस कर दिया था। अब अगर भारत की रक्षा मंत्री भी यही कह रही हैं तो इसका मतलब है कि वह इस बात बात की पुष्टि कर रही हैं कि इस डील में लेनेदेन हुआ है। मोदी सरकार के कई समर्थक पत्रकारों ने ट्वीट कर इस बात की तरफ इशारा किए हैं कि रक्षा मंत्री ने कहीं ना कहीं गलती से इस बात पर मुहर लगा दिया है कि राफेल मामले में लेनदेन हुआ है।

‘जनता का रिपोर्टर’ ने किया था खुलासा

गौरतलब है कि ‘जनता का रिपोर्टर’ ने राफेल सौदे को लेकर तीन भागों (पढ़िए पार्ट 1पार्ट 2 और पार्ट 3 में क्या हुआ था खुलासा) में बड़ा खुलासा किया था। जिसके बाद कांग्रेस और राहुल गांधी यह आरोप लगाते आ रहे हैं कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसाल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसका मूल्य पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में विमानों की दर को लेकर बनी सहमति की तुलना में बहुत अधिक है। इससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

कांग्रेस का आरोप है कि सरकार हर विमान को 1670 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत पर खरीद रही है, जबकि संप्रग सरकार के दौरान 526 करोड़ रुपये प्रति विमान की दर से 126 राफेल विमानों की खरीद की बात चल रही थी। साथ ही पार्टी ने यह भी दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे को बदलवाया जिससे सरकारी उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से ठेका लेकर रिलायंस डिफेंस को दिया गया।

 

 

 

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