NDTV पर भड़की बरखा दत्त, कहा- सेंसरशिप के खिलाफ बोलने के लिए उन्हें ‘दंडित’ किया गया था

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पत्रकार बरखा दत्त नेे अपने ट्विटर पोस्ट में कहा है कि NDTV में कहानियों को हटा देने की कोई नई घटना नहीं है और वहां पर काम करते समय उन्हें कई मौकों पर न्यूजरूम सेंसरशिप के लिए लड़ना पड़ा। हां, NDTV में कहानियों को हटा देना कोई नया नहीं है और मुझे याद नहीं है कि पूर्व सहयोगियों ने प्रेस की स्वतंत्रता के लिए खड़े होकर रिपोर्टिंग की हो, जब कुछ लोग इसके लिए लड़े।

बरखा दत्त ने नितिन गोखले को साझा करते हुए लिखा कि मुझे हमारे काम की सेंसरशिप पर बोलने के लिए दंडित किया गया था। NDTV हमारे लिए शत्रुतापूर्ण था। हम उससे अलग होकर खड़े हुए।

आपको बता दे कि NDTV के पत्रकार श्रीनिवासन जैन ने मंगलवार को चैनल पर आरोप लगाया था कि उनके द्वारा की गई रिपोर्ट जो अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनियों को दिए गए ऋण के बारें में थी को एनडीटीवी की वेबसाइट से हटा दिया गया था।

उन्होंने अपने आरोपों में समाचार चैनल की कड़वी सच्चाई को उजागर करते हुए की न्यूजरूम सेंसरशिप की ओर इशारा किया?पत्रकार बरखा दत्त ने कहा कि जो इस विषय पर इतने लंबे समय से चुप रहे हैं, आखिरकार, पूर्व नियोक्ताओं और सहयोगियों के खिलाफ अपना गुस्सा व्यक्त कर रहे हैं, जैसा की उन्हें लगता है कि प्रेस की स्वतंत्रता और रिपोर्टिंग के लिए खड़े नहीं हुए।

आपको बता दे कि बरखा दत्त पिछले 21 वर्षो से एनडीटीवी के साथ जुड़ी रही हैं। जनवरी में उन्होंने एनडीटीवी छोड़कर अपनी खुद की कम्पनी मोजो शुरू की थी। जब बरखा दत्त ने मोजो की शुरूआत की तो इसमें कई इवेंट शुरू किए इसके शुरूआती प्रोग्राम में करण जोहर व कई अन्य मेहमानों ने शिरकत की थी।

पत्रकार श्रीनिवासन जैन ने मंगलवार को चैनल पर आरोप लगाया था

जैन के अनुसार एनडीटीवी ने एक सप्ताह पहले अमित शाह के बेटे को दिए जाने वाले बैंक लोन पर एक ख़ास रिपोर्ट तैयार की थी। इस रिपोर्ट को जैन ने अपने सहयोगी मानस प्रताप सिंह के साथ मिलकर तैयार किया था। लेकिन उन्होंने आरोप लगाया है कि चैनल प्रबंधन द्वारा उनकी रिपोर्ट को वेबसाइट से हटा लिया गया।

उन्होंने ने लिखा, ” एक सप्ताह पहले मानस प्रताप सिंह और मैंने अमित शाह के बेटे की कंपनी को दिए जाने वाले बैंक लोन पर जो रिपोर्ट तैयार की थी उसे एनडीटीवी की वेबसाइट से हटा दिया गया। एनडीटीवी के वकीलों ने कहा कि ऐसा क़ानूनी पक्षों की जांच केलिए किया जा रहा है। लेकिन उस रिपोर्ट को अब तक वापस वेबसाइट पर नहीं बहाल किया गया है। ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है क्यूंकि हमारी रिपोर्ट सिर्फ तथ्यों पर आधारित थी।”

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