बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने बुधवार को एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि मुगलों को ‘शरणार्थी’ भी कह सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदुत्व आतंकवादियों द्वारा मुसलमानों के नरसंहार के हालिया आह्वान से भारत में ‘गृह युद्ध’ हो सकता है। उनके इस बयान का वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसपर यूजर्स तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
द वायर को दिए इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह ने करण थापर से बातचीत में कहा कि, “मुगलों के तथाकथित अत्याचारों को हर समय उजागर किया जा रहा है। लेकिन हम ये क्यों भूल जाते हैं मुगल वही लोग हैं, जिन्होंने इस देश की खातिर अपना योगदान दिया है। वह वो लोग हैं जिन्होंने देश में स्थायी स्मारक बनाए हैं… जिनकी संस्कृति में नाचना, गाना, चित्रकारी, साहित्य। इसे अपनी मातृभूमि बनाने के लिए मुगल यहां आए थे। वे जैसे थे, आप चाहें तो उन्हें शरणार्थी कह सकते हैं।”
हिंदुत्व के आतंकवादियों द्वारा मुसलमानों के नरसंहार के हालिया आह्वान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि, अगर जातीय सफाई के आह्वान को तुरंत नहीं रोका गया तो भारत के मुसलमान वापस लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर बात संकट की आती है, तो हम लड़ेंगे… अगर बात उस पर आती है, तो हम करेंगे। हम अपने घरों, अपने परिवार, अपने बच्चों की रक्षा कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, मुझे आश्चर्य है कि क्या वे जानते हैं कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि 20 करोड़ की आबादी को आप इस तरह से खत्म करने की बात नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग लड़ने के लिए तैयार हैं, क्योंकि हम सभी लोग यहीं के हैं, हमारी पीढ़ियां यहीं रहीं और यहीं मरीं।
अभिनेता ने आगे कहा कि, जो कुछ हो रहा है, उसे देखकर हैरानी हो रही है, शायद उन्हें (धार्मिक नेता) ये भी नहीं पता कि वह किस बारे में बात कर रहे हैं, वह किसका आह्वान कर रहे है, ये एक तरह से गृहयुद्ध जैसा होगा।
" Mughals were refugees " ???????? pic.twitter.com/Yq2nCSihlx
— BALA (@erbmjha) December 29, 2021
इस मामले पर सरकार को सवालों के घेरे में खड़े करते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि यहां जो कुछ हो रहा है, वह मुसलमानों को असुरक्षित महसूस कराने का ठोस तरीका है। ये बिल्कुल ऊपर से शुरू होता है, जहां से औरंगजेब का आह्वान किया जा रहा है और मुगल आक्रमणकारियों को बुलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के लिए अलगाववाद एक नीति बन गई है।
धर्म संसद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने कहा कि मैं एक्साइडेट था ये जानने के लिए कि इन लोगों (मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान करने वाले हिंदुत्व के आतंकवादियों) के साथ क्या होगा, सच्चाई ये है कि कुछ नहीं हुआ। शाह ने कहा कि मुझे इस बात से बिल्कुल भी हैरानी नहीं है क्योंकि उस आदमी के खिलाफ भी कोई एक्शन नहीं लिया गया जिसके बेटे ने किसानों को रौंद डाला था।
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